सोमवार, 14 सितंबर 2009

सब कुछ करना पड़ता है

सब कुछ करना पड़ता है;
लाखों दुखों को दबाकर दिल में,
होकर अपमानित भरी महफ़िल में ;
हँसते रहना पड़ता है,
सब कुछ करमा पड़ता है.
सुनते रहना पड़ता है बातें,
फ़िर भी मामूली रकम हैं पाते;
मामूली रकम पाकर भी
बॉस से डरना पड़ता है,
सब कुछ करना पड़ता है.
काम करते हम रात में जगकर ,
घर-परिवार ईष्ट -मित्रों को तजकर;
सुनहरे भविष्य की आशा में
शोषण को तैयार रहना पड़ता है,
सब कुछ करना पड़ता है.

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