सोमवार, 16 नवंबर 2009

दो महानों में महान समानताएं


आज जब सचिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना २० साल पूरा होने के एक दिन बाद खेलने को उतरे तो दर्शकों/श्रोताओं को उम्मीद थी कि वे एक बार फ़िर यादगार पारी खेलेंगे. लेकिन जैसा कि ब्रेडमैन ने उनके बारे कहा था कि वे उन्ही की तरह खेलते हैं, सचिन भी उसी तरह ४ रन बनाकर आउट हो गए जैसे ब्रेडमैन अपनी अंतिम पारी शून्य पर आउट हो गए थे. निराशा तो हुई लेकिन यह हमारा सौभाग्य है कि यह सचिन की अंतिम पारी नहीं थी हालाँकि यह क्रिकेट के इन दो भगवानों के खेल में अद्भुत समानताओं को तो दर्शाता ही है. किन्ही दो व्यक्तियों की उपलब्धियों की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन की स्थितियां एक जैसी नहीं होती.हाँ, खेलों में हम कुछ हद तक ऐसा करने की छूट पा लेते हैं क्योंकि वहां तुलना के लिए हमारे पास उनका खेल-रिकार्ड उपलब्ध होता है.क्रिकेट भारी और अद्भुत अनिश्चितताओं का खेल माना जाता है और सचिन की आज की पारी का मात्र ४ रन पर सिमट जाना इसे सत्य साबित भी करता है. क्रिकेट के भगवान को हमारी ओर से अपना २० साल का कैरिअर पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई. साथ ही हम उम्मीद करते हैं वे आगे कई सालों तक इसी तरह खेलते रहेंगे और बैट रुपी सारंगी पर नई-नई धुनें छेड़ते रहेंगे. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूँ क्योंकि मैंने उन्हें टी.वी पर अनगिनत बार खेलते हुए लाइव देखा है.भले ही प्रत्यक्षतः उन्हें खेलता देखने का अवसर नहीं मिला हो. शायद भविष्य में मेरी यह ख्वाहिश भी पूरी हो जाये.

कोई टिप्पणी नहीं: