शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

राहुल गाँधी की कृत्रिम बुद्धि और हस्तिनापुर

मित्रों, एक समय था जब पूरे भारत पर हस्तिनापुर का शासन था. लेकिन तभी वहां धृतराष्ट्र नामक अंधे को राजा बना दिया गया. जाहिर है कि वो सर्वथा अयोग्य था. आश्चर्य कि वहां की जनता ने भी मनांध की तरह आँख मूंदकर राजपरिवार के इस फैसले को मान लिया और परिणाम यह हुआ कि हस्तिनापुर का बहुत जल्दी पतन हो गया.
मित्रों, दूसरी ओर मगध अपेक्षाकृत एक कमजोर और छोटा राज्य था. लेकिन वहां की जनता ने कभी राजा के कमजोर और अयोग्य पुत्र को राजा के रूप में स्वीकार नहीं किया. बार-बार जनविद्रोह होता रहा, वंश बदलता रहा लेकिन मगध का विस्तार होता गया और एक समय ऐसा भी आया जब पूरे भारत पर मगध का ध्वज लहराता था.
मित्रों, इस समय कांग्रेस पार्टी की स्थिति हस्तिनापुर जैसी है. युवराज निहायत अयोग्य हैं कदाचित दुर्योधन से भी ज्यादा लेकिन पार्टी हस्तिनापुर की जनता की तरह अडी हुई है कि हमें तो यही नेता चाहिए और कोई चाहिए ही नहीं. परिणाम सबके सामने है.
मित्रों, अभी पिछले महीने पता चला कि राहुल जी अमेरिका में कृत्रिम बुद्धि पर कुछ बोलनेवाले हैं. यकीन मानिये हँसते-हँसते अंतड़ियों में दर्द होने लगा. जिसकी खुद की बुद्धि कृत्रिम है वो कृत्रिम बुद्धि पर व्याख्यान देगा? आपने पिछले दिनों देखा भी होगा कि राहुल जी अमेरिका में क्या-क्या बोले जा रहे हैं. मैं मानता हूँ कि इस समय उनके सैम अंकल सैम पित्रोदा अपनी जिंदगी के सबसे कठिन मिशन पर हैं मिशन टोटली इम्पॉसिबल पर. घोडा सुस्त हो तो उसको तेज बनाया जा सकता है लेकिन गधे को घोडा कदापि नहीं बनाया जा सकता.
मित्रों, अब हम आते हैं राहुल गाँधी के अमेरिका के वर्तमान दौरे पर. वैसे मुझे नहीं पता कि इस समय उनका भाषण लिख कौन रहा है. वो जो बोल रहे हैं निश्चित रूप से वे उनके शब्द तो नहीं हैं. चलिए हंसी को दबाने का प्रयास करते हुए एक नजर डालते हैं. राहुल गाँधी फरमाते हैं भारत असहिष्णु हो गया है, भारत वंशवाद से ही चल रहा है, मैं भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हूँ, दुनियाभर में भारत की प्रतिष्ठा लगातार कम हो रही है, भारत की वर्तमान सरकार की आर्थिक नीति सही नहीं है बल्कि चीन की सही है, भारतीय लोकसभा में ५४६ सदस्य हैं, भारत को एनआरआई ने आजाद कराया था और कांग्रेस एनआरआई द्वारा स्थापित और संचालित एनआरआई पार्टी है, सिर्फ बेरोजगारी की वजह से कांग्रेस चुनाव हार गयी, कांग्रेस को घमंड हो गया था इत्यादि.
मित्रों, आप ही बताईए क्या आप अपनी हंसी रोक पा रहे हैं? चाहे कोई भारत में बेवकूफी करे या अमेरिका जाकर करे कहलाएगी तो बेवकूफी ही. (वैसे अगर उनकी अमेरिकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रसिद्ध पोर्न अभिनेत्री के साथ रात बिताते हुए विशेष तकनीकी ज्ञान प्राप्त करना था तब जरूर उनकी अमेरिकी यात्रा उम्मीद से बढ़कर सफल रही है.)  ऊपर से गजब यह कि कांग्रेस बहुत जल्दी इनको अपना अध्यक्ष बनाने जा रही है. बढ़िया है हस्तिनापुर वालों बढ़िया है. हमें तो देशहित से मतलब है और तुम्हारा यह कदम निश्चित रूप से देशहित में होगा. महान मगध की जय, भारतमाता की जय.

कोई टिप्पणी नहीं: