रविवार, 11 मार्च 2018

मोदी की कथनी और करनी

मित्रों,पिछले ४ सालों से भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार है. सत्ता संभालने से पहले और संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने खूब बोला है-हम यह करेंगे और वह करेंगे. मोदी जी से ज्यादा शायद ही कोई इंसान ने इस दौरान बोला हो रेडियो ने बोला हो तो बोला हो. मगर सवाल उठता है कि क्या मोदी ने इस दौरान वही किया है जो उन्होंने बोला है? पहले कुछ मुद्दों पर उनकी कथनी और करनी का विश्लेषण कर लेते हैं.

१. मित्रों,मोदीजी ने कहा था कि उनकी सरकार हर साल २ करोड़ रोजगार पैदा करेगी। लेकिन हुआ इसका उल्टा। आज रोजगार-निर्माण की हालत पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार से भी ख़राब है और मोदी लोगों से पकौड़ा तलने को बोल रहे हैं.
२. मोदी जी कहते हैं कि वे कोई भी काम चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं करते लेकिन वास्तविकता तो यह है कि उनका प्रत्येक काम सिर्फ और सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. आज उन्होंने महिला दिवस राजस्थान में मनाया क्योंकि वहां चुनाव होना है.
३. मोदी जी ने नारा दिया था नेशन फर्स्ट। आश्चर्य है कि आजकल वे इस नारे का जिक्र तक नहीं करते। असलियत तो यह है कि अब उनके लिए चुनाव फर्स्ट और लास्ट हो गया है. सरकार ने जानबूझकर एयर इंडिया को बर्बाद करके रख दिया है और शायद अगली बारी बीएसएनएल की है. इसके साथ ही सरकारी बैंकों को बर्बाद किया जा रहा है. आज रेलवे की साख भी रसातल में है. यह सरकार ट्रेनों को चला काम रही है रद्द ज्यादा कर रही है.
४. मोदी जी ने २०१४ में कहा था कि उनकी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगियों के प्रति अच्छा व्यवहार करेगी लेकिन उनका रवैया यूज एंड थ्रो का है.
५. मोदी सरकार ने पत्रकारों की पीएमओ में नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था जिसको अब कई साल बीत गए हैं लेकिन आज तक हुआ कुछ नहीं है.
६. मोदी जी ने भ्रष्टाचार के ऊपर मरणांतक प्रहार करने का वादा किया था लेकिन आज तक उसने लोकपाल की नियुक्ति नहीं की और रोज इससे बचने के लिए नए-नए बहाने बना रही है. यह सरकार भी सीबीआई का इस्तेमाल अपने लोगों को बचाने और विपक्षियों को डराने के लिए कर रही है.
७. मोदी जी ने कहा था कि गरीबों का पैसा सीधे उसके खाते में जाएगा लेकिन आज वही खाता उनके लिए गले की फ़ांस बन चुका है क्योंकि बैंक न्यूनतम शेष राशि के नाम पर उनके सारे पैसे चट कर जा रहा है.
८. मोदी जी ने कहा था कि वे १०० दिनों में विदेशों से कालाधन वापस लाएंगे लेकिन एक पैसा वापस नहीं आया. हाँ, कोशिश करने का नाटक जरूर किया गया.
९. मोदी जी ने कहा था कि वे पाकिस्तान से बातचीत नहीं करेंगे और चीन से भी उसी की भाषा में बात करेंगे लेकिन इस समय गुपचुप तरीके से पाकिस्तान से एनएसए स्तर की बातचीत चल रही है और चीन को खुश करने के लिए दलाई लामा पर प्रतिबन्ध लगाना शुरू कर दिया है.
१०. मोदी जी को कभी गंगा माँ ने बुलाया था लेकिन गंगा आज भी उतनी ही मैली है जितनी २०१४ में थी.
११. मोदी जी ने वादा किया था कि वो सालभर में दागी सांसदों और विधायकों पर मुकदमा चलाकर सजा दिलवाएंगे लेकिन किया इसका उल्टा। दूसरे दलों से दागियों को धड़ल्ले से भाजपा में आयातित किया गया और किया जा रहा है.
१२. मोदी जी कहते हैं कि उनकी सरकार ने पद्म पुरस्कारों की गरिमा पुनस्थापित की लेकिन सवाल उठता है कि शरद पवार को पुरस्कार क्यों किया? इसी तरह से सारे सरकारी पद ठीक मंत्री पद की तरह अयोग्य लोगों के बीच बाँट दिया गया. इनके राज्यपाल भी पिछली सरकार की तरह यौनापराधों में संलिप्त पाए जा रहे हैं.
१३. मोदी जी ने कहा था कि वे भारत से वीआईपी संस्कृति को समाप्त कर देंगे लेकिन हालत यह है कि बीएसएफ के एक जवान का वेतन सिर्फ इसलिए काट लिया गया क्योंकि उसने मोदी के नाम में श्री नहीं लगाया था.
१४. चुनावों के समय मोदी हर राज्य को या तो विशेष दर्जा या विशेष पैकेज देने का वादा कर देते हैं और बाद में भूल जाते हैं. अभी ऐसे ही वादे के लिए उनका चंद्रबाबू नायडू से विवाद चल रह है.
कहने का तात्पर्य यह है कि जहाँ राउडी राठौर फिल्म में अक्षय कुमार ने कहा था कि मैं जो बोलता हूँ वो मैं करता हूँ और मैं जो नहीं बोलता, वो मैं डेफिनेटली करता हूँ वहीँ मोदी के बारे यह कहा जा सकता है कि वे जो बोलते हैं डेफिनेटली उसका उल्टा करते हैं.

कोई टिप्पणी नहीं: