05 अगस्त,2014,हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,यह सत्य है कि जब हम
किसी भी सरकार को चुनते हैं तो उसको 60 महीने का समय देते हैं मगर कभी-कभी
जब संविधान से लेकर आम आदमी की जान,माल और ईज्जत तक पर खतरा उत्पन्न हो जाए
तब हम पाँच साल तक का ईंतजार नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश में भी जनता ने 5
साल के लिए सरकार को चुना था लेकिन वहाँ बहुत जल्दी स्थिति सरकारविहीनता
की तो आ ही गई सरकार के मंत्री ही स्वयं असामाजिक कार्यों को बढ़ावा देते
हुए देखे और पाए जाने लगे। ऐसे में सवाल उठता है कि आज यूपी की जो हालत है
उसको देखते हुए राज्य में संविधान और कानून का शासन पुनर्स्थापित करने के
लिए केंद्र की मोदी सरकार कब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाएगी?
मित्रों,लखनऊ से लेकर मुजफ्फरनगर तक पिछली केंद्र सरकार के शासन के दौरान यूपी में सैंकड़ों सांप्रदायिक दंगे हुए। गौरतलब है कि ये सारे दंगे तभी हुए जब 2012 में वहाँ समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आ चुकी थी। मुजफ्फरनगर के दंगों में तो मीडिया के स्टिंग ऑपरेशन से इस बात का खुलासा भी हुआ कि समाजवादी सरकार के कद्दावर मंत्री और सुपर चीफमिनिस्टर कहे जाने वाले आजम खान के चलते यह दंगा हुआ। समाजवादी सरकार के दौरान यूपी में एक तरफ तो लगातार दंगे होते रहे वहीं दूसरी तरफ बलात्कार की भी बाढ़ आ गई। यूपी की हालत पर न सिर्फ भारत का उच्चतम न्यायालय बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ तक ने भी चिंता जाहिर की। उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद तो तब केंद्र में विपक्ष में रहे और अब भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने टिप्पणी के मद्देनजर यूपी सरकार से इस्तीफा भी मांगा था और केंद्र से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की थी।
मित्रों,जबसे अच्छे दिन के वादे के साथ केंद्र में सत्ता में आई मोदी सरकार का गठन हुआ है तबसे यूपी के लोगों के लिए हर आनेवाला दिन पिछले दिन की अपेक्षा ज्यादा बुरा ही सिद्ध हो रहा है। सहारनपुर में ऐन ईद के दिन जिस तरह से बिना किसी उकसावे के सिक्खों की दुकानों वाले पटियाला रोड की सारी दुकानों को दिनदहाड़े मुसलमानों ने जलाकर राख कर दिया और बाद में दंगाइयों का मुख्य नेतृत्वकर्ता मोहर्रम अली अखिलेश यादव का नजदीकी निकला उसके बाद इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है कि दंगाई कौन हैं और उनको किनका समर्थन मिल रहा है। वे कौन-से लोग हैं जो यूपी को पाकिस्तान बना देना चाहते हैं? इसी प्रयास की अगली कड़ी तब सामने आई जब कट्टरपंथी मुसलमानों के शिकंजे से भागी एक हिन्दू लड़की ने बताया कि उसका अपहरण करके उसके साथ बलात्कार किया गया है और बाद में जब उसके पेट में दर्द होने लगा तो ऑपरेशन करके एक मुस्लिम डॉक्टर ने उसका गर्भाशय निकाल दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार जब गर्भ गर्भाशय के बदले फैलोपियन ट्यूब में ही निषेचित हो जाता है तब पेट में दर्द जैसी स्थिति बन जाती है। हो सकता है कि सामूहिक बलात्कार के कारण इस मासूम के साथ भी ऐसा ही हुआ हो।
मित्रों,इतना ही नहीं उस लड़की ने बताया कि बाद में उसका जबरन धर्मान्तरण भी करवा दिया गया और शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करवाय़े गए। इस्लामिक कट्टरपंथियों के कब्जे से किसी तरह से जान बचाकर भागनेवाली लड़की ने बताया है कि दरिंदों के कब्जे में कम-से-कम दो दर्जन और भी हिन्दू लड़कियाँ कैद हैं और जल्दी ही उनको अरब देशों में देह-व्यापार के लिए बेच दिया जाएगा। इस खुलासे के बाद प्रश्न उठता है कि क्या भारत पर गोरी,कासिम,तैमूर,अब्दाली या नादिरशाह का हमला हुआ है जो हमलों के बाद पकड़ में आनेवाली महिलाओं को भी वस्तु के रूप में ही गिनते थे और साथ ले जाकर बगदाद,तेहरान,बसरा,सिकंदरिया और काबुल के बाजारों में सोने-चाँदी के सिक्कों के बदले में बेच डालते थे? फिर तो उन हिन्दुस्तानी महिलाओं की पूरी जिन्दगी ही नर्क बनकर रह जाती थी।
मित्रों,क्या फिर से भारत की हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के साथ वही सब होनेवाला है? क्या यही हैं मोदी सरकार के अच्छे दिन? विपक्ष में होते हुए लगातार सपा सरकार से इस्तीफा और केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करनेवाले राजनाथ सिंह अब किस बात का इंतजार कर रहे हैं? क्या यूपी समेत पूरे भारत के हिन्दुओं ने भाजपा को इसलिए वोट दिया था कि उनकी बहू-बेटियाँ बसरा,रियाद,दुबई और बगदाद के चकलाघरों की शोभा बढ़ाए? हिन्दुओं के जिस जबरन धर्मपरिवर्तन के समाचार हमें अबतक पाकिस्तान से मिल रहे थे वही समाचार अब भारत में देखने,सुनने और पढ़ने को मिलें? क्या भारत के संविधान में अनुच्छेद 25 के अंतर्गत जो धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है वह केवल मुसलमानों के लिए है? देश की सबसे बड़ी आबादी जब तक यूपी में परेशान रहेगी तबतक देश में कैसे अच्छे दिन लाए जा सकते हैं? अगर केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 का प्रयोग किसी भी स्थिति में,बुरी-से-बुरी और बद-से-बदतर स्थिति में भी करना ही नहीं है तो फिर इनका संविधान में क्या काम है?
मित्रों,मैं अंत से मोदी जी से अर्ज करना चाहता हूँ कि श्रद्धेय मोदीजी हम हिन्दुओं ने एकजुट होकर आपको इसलिए वोट नहीं दिया था कि आप काशी से लेकर काठमांडू तक के मंदिरों में घंटी बजाते फिरें बल्कि इसलिए दिया था कि आप देश में न तो हिन्दुओं का और न ही मुसलमानों का बल्कि संविधान और कानून का शासन स्थापित करेंगे और मुझे नहीं लगता जबतक यूपी में सपा की,दानवराज अखिलेश और नराधम आजम खान की सरकार सत्ता में है ऐसा हो पाएगा। अगर आपकी सरकार अगले विधानसभा चुनाव तक का इंतजार करती है तो अगले तीन सालों में ये लोग यूपी के प्रत्येक गांव,प्रत्येक शहर और प्रत्येक घर को जलाकर राख कर देंगे। इतना ही नहीं ये लोग भारत के संविधान और आईपीसी का भी गला घोंट देंगे फिर भरते रहिएगा इनके किए गड्ढ़ों को,जलाते रहिएगा आनेवाले समय में दरिंदगी की शिकार होनेवाली मासूम लड़कियों की चिताएँ और बुझाते रहिएगा अनंत काल तक घरों,दुकानों और झोपड़ियों से उठनेवाली गगनचुंबी आग की लपटों को। मोदी जी आपने भी महाभारत पढ़ी है और देखा है कि द्वापर में एक महिला द्रौपदी की ईज्जत से हुए खिलवाड़ पर तटस्थ रह जानेवाले सम्राट धृतराष्ट्र,भीष्म,द्रोण और पूरे भारतवर्ष के पुरूषों को किस तरह अपनी जान गंवानी पड़ी थी या बुरे दिन देखने पड़े थे। फिर आज तो यूपी में हजारों स्त्रियों के साथ बलात् दुष्कर्म हो रहे हैं जिनका दंड सिर्फ दुर्योधन या दुश्शासन को ही नहीं बल्कि समय आने पर राजा धृतराष्ट्र को भी चुकाना पड़ेगा। और अगर यूपी में धर्म और न्याय की संस्थापना आपके बस का रोग नहीं है तो आप तत्काल इस्तीफा दीजिए जनता अन्य विकल्पों पर विचार कर लेगी।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
मित्रों,लखनऊ से लेकर मुजफ्फरनगर तक पिछली केंद्र सरकार के शासन के दौरान यूपी में सैंकड़ों सांप्रदायिक दंगे हुए। गौरतलब है कि ये सारे दंगे तभी हुए जब 2012 में वहाँ समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आ चुकी थी। मुजफ्फरनगर के दंगों में तो मीडिया के स्टिंग ऑपरेशन से इस बात का खुलासा भी हुआ कि समाजवादी सरकार के कद्दावर मंत्री और सुपर चीफमिनिस्टर कहे जाने वाले आजम खान के चलते यह दंगा हुआ। समाजवादी सरकार के दौरान यूपी में एक तरफ तो लगातार दंगे होते रहे वहीं दूसरी तरफ बलात्कार की भी बाढ़ आ गई। यूपी की हालत पर न सिर्फ भारत का उच्चतम न्यायालय बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ तक ने भी चिंता जाहिर की। उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद तो तब केंद्र में विपक्ष में रहे और अब भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने टिप्पणी के मद्देनजर यूपी सरकार से इस्तीफा भी मांगा था और केंद्र से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की थी।
मित्रों,जबसे अच्छे दिन के वादे के साथ केंद्र में सत्ता में आई मोदी सरकार का गठन हुआ है तबसे यूपी के लोगों के लिए हर आनेवाला दिन पिछले दिन की अपेक्षा ज्यादा बुरा ही सिद्ध हो रहा है। सहारनपुर में ऐन ईद के दिन जिस तरह से बिना किसी उकसावे के सिक्खों की दुकानों वाले पटियाला रोड की सारी दुकानों को दिनदहाड़े मुसलमानों ने जलाकर राख कर दिया और बाद में दंगाइयों का मुख्य नेतृत्वकर्ता मोहर्रम अली अखिलेश यादव का नजदीकी निकला उसके बाद इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है कि दंगाई कौन हैं और उनको किनका समर्थन मिल रहा है। वे कौन-से लोग हैं जो यूपी को पाकिस्तान बना देना चाहते हैं? इसी प्रयास की अगली कड़ी तब सामने आई जब कट्टरपंथी मुसलमानों के शिकंजे से भागी एक हिन्दू लड़की ने बताया कि उसका अपहरण करके उसके साथ बलात्कार किया गया है और बाद में जब उसके पेट में दर्द होने लगा तो ऑपरेशन करके एक मुस्लिम डॉक्टर ने उसका गर्भाशय निकाल दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार जब गर्भ गर्भाशय के बदले फैलोपियन ट्यूब में ही निषेचित हो जाता है तब पेट में दर्द जैसी स्थिति बन जाती है। हो सकता है कि सामूहिक बलात्कार के कारण इस मासूम के साथ भी ऐसा ही हुआ हो।
मित्रों,इतना ही नहीं उस लड़की ने बताया कि बाद में उसका जबरन धर्मान्तरण भी करवा दिया गया और शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करवाय़े गए। इस्लामिक कट्टरपंथियों के कब्जे से किसी तरह से जान बचाकर भागनेवाली लड़की ने बताया है कि दरिंदों के कब्जे में कम-से-कम दो दर्जन और भी हिन्दू लड़कियाँ कैद हैं और जल्दी ही उनको अरब देशों में देह-व्यापार के लिए बेच दिया जाएगा। इस खुलासे के बाद प्रश्न उठता है कि क्या भारत पर गोरी,कासिम,तैमूर,अब्दाली या नादिरशाह का हमला हुआ है जो हमलों के बाद पकड़ में आनेवाली महिलाओं को भी वस्तु के रूप में ही गिनते थे और साथ ले जाकर बगदाद,तेहरान,बसरा,सिकंदरिया और काबुल के बाजारों में सोने-चाँदी के सिक्कों के बदले में बेच डालते थे? फिर तो उन हिन्दुस्तानी महिलाओं की पूरी जिन्दगी ही नर्क बनकर रह जाती थी।
मित्रों,क्या फिर से भारत की हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के साथ वही सब होनेवाला है? क्या यही हैं मोदी सरकार के अच्छे दिन? विपक्ष में होते हुए लगातार सपा सरकार से इस्तीफा और केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करनेवाले राजनाथ सिंह अब किस बात का इंतजार कर रहे हैं? क्या यूपी समेत पूरे भारत के हिन्दुओं ने भाजपा को इसलिए वोट दिया था कि उनकी बहू-बेटियाँ बसरा,रियाद,दुबई और बगदाद के चकलाघरों की शोभा बढ़ाए? हिन्दुओं के जिस जबरन धर्मपरिवर्तन के समाचार हमें अबतक पाकिस्तान से मिल रहे थे वही समाचार अब भारत में देखने,सुनने और पढ़ने को मिलें? क्या भारत के संविधान में अनुच्छेद 25 के अंतर्गत जो धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है वह केवल मुसलमानों के लिए है? देश की सबसे बड़ी आबादी जब तक यूपी में परेशान रहेगी तबतक देश में कैसे अच्छे दिन लाए जा सकते हैं? अगर केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 का प्रयोग किसी भी स्थिति में,बुरी-से-बुरी और बद-से-बदतर स्थिति में भी करना ही नहीं है तो फिर इनका संविधान में क्या काम है?
मित्रों,मैं अंत से मोदी जी से अर्ज करना चाहता हूँ कि श्रद्धेय मोदीजी हम हिन्दुओं ने एकजुट होकर आपको इसलिए वोट नहीं दिया था कि आप काशी से लेकर काठमांडू तक के मंदिरों में घंटी बजाते फिरें बल्कि इसलिए दिया था कि आप देश में न तो हिन्दुओं का और न ही मुसलमानों का बल्कि संविधान और कानून का शासन स्थापित करेंगे और मुझे नहीं लगता जबतक यूपी में सपा की,दानवराज अखिलेश और नराधम आजम खान की सरकार सत्ता में है ऐसा हो पाएगा। अगर आपकी सरकार अगले विधानसभा चुनाव तक का इंतजार करती है तो अगले तीन सालों में ये लोग यूपी के प्रत्येक गांव,प्रत्येक शहर और प्रत्येक घर को जलाकर राख कर देंगे। इतना ही नहीं ये लोग भारत के संविधान और आईपीसी का भी गला घोंट देंगे फिर भरते रहिएगा इनके किए गड्ढ़ों को,जलाते रहिएगा आनेवाले समय में दरिंदगी की शिकार होनेवाली मासूम लड़कियों की चिताएँ और बुझाते रहिएगा अनंत काल तक घरों,दुकानों और झोपड़ियों से उठनेवाली गगनचुंबी आग की लपटों को। मोदी जी आपने भी महाभारत पढ़ी है और देखा है कि द्वापर में एक महिला द्रौपदी की ईज्जत से हुए खिलवाड़ पर तटस्थ रह जानेवाले सम्राट धृतराष्ट्र,भीष्म,द्रोण और पूरे भारतवर्ष के पुरूषों को किस तरह अपनी जान गंवानी पड़ी थी या बुरे दिन देखने पड़े थे। फिर आज तो यूपी में हजारों स्त्रियों के साथ बलात् दुष्कर्म हो रहे हैं जिनका दंड सिर्फ दुर्योधन या दुश्शासन को ही नहीं बल्कि समय आने पर राजा धृतराष्ट्र को भी चुकाना पड़ेगा। और अगर यूपी में धर्म और न्याय की संस्थापना आपके बस का रोग नहीं है तो आप तत्काल इस्तीफा दीजिए जनता अन्य विकल्पों पर विचार कर लेगी।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
धन्यवाद मित्र।
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