मित्रों, पता नहीं क्यों मुझे मनमोहन सरकार के गठन के तत्काल बाद ही ऐसा लगने लगा था कि यह सरकार देश के दुश्मनों के हाथों में खेल रही है. २००९ के बाद मैंने अपने ब्लॉग पर कई-कई बार लिखा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार देश की दुश्मन है और भारत की बर्बादी के एजेंडे पर काम कर रही है.
मित्रों, उनके बाद जनता ने उनकी जो दुर्गति की उससे आप भी वाकिफ हैं लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस पार्टी आज भी अपने भारत की बर्बादी के गुप्त एजेंडे पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है. वरना ऐसी कौन-सी बात थी जिस पर विचार-विमर्श करने राहुल गाँधी ८ जुलाई को चीनी दूतावास गए थे.
मित्रों, जो ख़बरें छनकर आ रही हैं उनसे यह भी पता चला है कि राहुल इससे पहले भी गुप्त रूप से दो बार चीनी दूतावास जा चुके हैं. कदाचित उनकी ताजा यात्रा भी गुप्त ही रह जाती लेकिन चीनी दूतावास के अधिकारियों के उतावलेपन के कारण इसके बारे में दुनिया को पता चल गया. अब खुद कांग्रेस पार्टी कह रही है कि राहुल उस दिन भूटान के दूतावास में भी गए थे.
मित्रों, पता नहीं परदे के पीछे कांग्रेस पार्टी कौन-सी खिचड़ी पका रही है? जबकि हम सभी जानते हैं कि इस समय चीन का भूटान सीमा पर भारत के साथ गहरा तनाव चल रहा है और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने है? हो सकता है मेरा अनुमान बाद में पूरी तरह से सही साबित न हो लेकिन जहाँ तक मैं कांग्रेस पार्टी को समझ पाया हूँ मुझे लगता है कि राहुल चीन की तरफ से धमकाने के लिए भूटान के दूतावास में गए थे. क्योंकि उनको लगता है कि अगर चीन ने भारत को नीचा दिखा दिया तो आगे मोदी सरकार देश के सामने मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेगी और कांग्रेस की सत्ता में पुनर्वापसी का रास्ता फिर से खुल जाएगा. मेरा अनुमान यह भी है कि कांग्रेस पार्टी को चीन से मोटा कमीशन मिलता है.
मित्रों, राहुल गाँधी की चीनी दूतावास की गुप्त यात्राओं का चाहे जो भी मकसद हो लेकिन इन यात्राओं को जिस तरह से देश की नज़रों से छिपाया जा रहा था उससे लगता तो यही है इनका उद्देश्य भारत का भला करना तो नहीं ही था. तो क्या चीन की बदमाशियों के पीछे कांग्रेस पार्टी है? खैर होगी भी तो क्या? चीन को भलीभांति यह समझ लेना चाहिए कि आज न तो १९६२ का भारत है और न ही ६२ वाला नेतृत्व. आज अगर वो भारत से भिड़ा तो उसका वही हाल होगा जो चौबेजी का छब्बे बनने के चक्कर में हुआ था.
मित्रों, उनके बाद जनता ने उनकी जो दुर्गति की उससे आप भी वाकिफ हैं लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस पार्टी आज भी अपने भारत की बर्बादी के गुप्त एजेंडे पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है. वरना ऐसी कौन-सी बात थी जिस पर विचार-विमर्श करने राहुल गाँधी ८ जुलाई को चीनी दूतावास गए थे.
मित्रों, जो ख़बरें छनकर आ रही हैं उनसे यह भी पता चला है कि राहुल इससे पहले भी गुप्त रूप से दो बार चीनी दूतावास जा चुके हैं. कदाचित उनकी ताजा यात्रा भी गुप्त ही रह जाती लेकिन चीनी दूतावास के अधिकारियों के उतावलेपन के कारण इसके बारे में दुनिया को पता चल गया. अब खुद कांग्रेस पार्टी कह रही है कि राहुल उस दिन भूटान के दूतावास में भी गए थे.
मित्रों, पता नहीं परदे के पीछे कांग्रेस पार्टी कौन-सी खिचड़ी पका रही है? जबकि हम सभी जानते हैं कि इस समय चीन का भूटान सीमा पर भारत के साथ गहरा तनाव चल रहा है और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने है? हो सकता है मेरा अनुमान बाद में पूरी तरह से सही साबित न हो लेकिन जहाँ तक मैं कांग्रेस पार्टी को समझ पाया हूँ मुझे लगता है कि राहुल चीन की तरफ से धमकाने के लिए भूटान के दूतावास में गए थे. क्योंकि उनको लगता है कि अगर चीन ने भारत को नीचा दिखा दिया तो आगे मोदी सरकार देश के सामने मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेगी और कांग्रेस की सत्ता में पुनर्वापसी का रास्ता फिर से खुल जाएगा. मेरा अनुमान यह भी है कि कांग्रेस पार्टी को चीन से मोटा कमीशन मिलता है.
मित्रों, राहुल गाँधी की चीनी दूतावास की गुप्त यात्राओं का चाहे जो भी मकसद हो लेकिन इन यात्राओं को जिस तरह से देश की नज़रों से छिपाया जा रहा था उससे लगता तो यही है इनका उद्देश्य भारत का भला करना तो नहीं ही था. तो क्या चीन की बदमाशियों के पीछे कांग्रेस पार्टी है? खैर होगी भी तो क्या? चीन को भलीभांति यह समझ लेना चाहिए कि आज न तो १९६२ का भारत है और न ही ६२ वाला नेतृत्व. आज अगर वो भारत से भिड़ा तो उसका वही हाल होगा जो चौबेजी का छब्बे बनने के चक्कर में हुआ था.
यह मेरी जिंदगी का बहुत ही आनन्ददायक दिन है क्योंकि डॉ। ऑडुडवा ने मुझे अपने जादूगर और प्रेम जादू के साथ अपने पूर्व पति को वापस लाने में मदद करके मेरे लिए योगदान दिया है। मैं 6 साल से शादी कर रहा था और यह इतना भयानक था क्योंकि मेरे पति ने कभी मुझ पर भरोसा नहीं किया और वह वास्तव में मुझे धोखा दे रहा था और तलाक की मांग कर रहा था, मैं उससे इतना प्यार करता हूं और हमारे पास 2 बच्चे एक साथ होते हैं, मैं अपने बच्चों से प्रेम करता हूं और मैं चाहता हूं उन्हें रहने और उनके दोनों माता-पिता के साथ रहने के लिए, मुझे तलाक की रोकथाम करने और रिश्ते में प्यार और विश्वास वापस लाने के लिए इतनी सख्त जरूरत थी।
जवाब देंहटाएंइसलिए जब मैं ब्लॉग पोस्ट पर डॉ। ओडुदेवा ईमेल पर आया तो उन्होंने टिप्पणी की कि उन्होंने इतने सारे लोगों को अपनी पूर्व वापस लेने और संबंध सुधारने में मदद करने के लिए कैसे मदद की है। और लोगों को अपने रिश्ते में खुश रहने के लिए।
मैंने अपनी स्थिति समझा दी और फिर मेरी मदद की, लेकिन मेरी सबसे बड़ी आश्चर्य से उसने मुझे बताया कि वह मेरे मामले में मेरी मदद करेंगे और मैं अब जश्न मना रहा हूं क्योंकि मेरे पति पूरी तरह अच्छे के लिए बदलते हैं। वह हमेशा मेरे और हमारे प्यारे बच्चों के साथ रहना चाहते हैं और मेरे वर्तमान के बिना कुछ भी नहीं कर सकते हैं, अब वह मुझे अब पहले से ज्यादा प्यार करता है।
मैं वास्तव में मेरी शादी का आनंद ले रहा हूं, जो एक महान उत्सव है मैं इंटरनेट पर गवाही देना जारी रखूंगा क्योंकि डॉ। ओडुडुवा वास्तव में एक वास्तविक वर्तनी ढलाईकार है। क्या आपको संपर्क डॉक्टर ODUDUWA महान की मदद की ज़रूरत है ..
अब आज संपर्क करें ODUDUWA VIA EMAIL: dr.oduduwaspellcaster@gmail.com या Whatsapp no .: +2348109844548
डॉडोडवा भी ऐसी समस्याओं को हल कर सकते हैं जैसेः रोकथाम, दुःस्वप्न की ज़रूरत के लिए, पूर्व में वापस लाने, अदालत के खिलाफ मुकदमा चलाने, सुगमता और सुराग, काले जादू का ताकत, ताकत और ताकत का जादू आदि।