मंगलवार, 14 मई 2019

लोकसभा चुनाव:गए माघ २९ दिन बांकी


मित्रों, हुआ यह कि उस साल बिहार में काफी ठण्ड थी,कंपकंपानेवाली. आपलोग भी जानते हैं कि माघ की ठण्ड हाड़ गलानेवाली ठण्ड होती है. साथ ही यह ठण्ड का आखिरी महीना भी होता है. ऐसे में माघ के पहले दिन एक बार एक बुढिया से जब यह पूछा गया कि तू इस ठण्ड में जिंदा तो बच जाएगी न तो उसने यही जवाब दिया था कि अब क्या, गए माघ २९ दिन बांकी. ठीक उसी तरह लोकसभा चुनावों के बारे में अगर हम यह कहें कि सूई तो निकल ही चुकी है धागे का भी सिर्फ अंतिम सिरा ही बचा हुआ है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. 2019 का महासमर अब समाप्ति की ओर अग्रसर है. कुल 543 सीटों में से अब मात्र 59 सीटें ऐसी बची हैं जिन पर मतदान होना शेष है. 23 मई को किसको कितनी सींटें मिलनेवाली है यह अभी तो काल भी नहीं बता सकता जो हमारा पल-पल का हिसाब रखता है लेकिन पूरा भारत एकमत होकर इस समय यही कह रहा है कि आएगा तो मोदी ही.
मित्रों, जहाँ तक हमारा सवाल है तो हमने तो चुनाव से बहुत पहले ही कहा था कि आएगा तो मोदी ही. इतना ही नहीं हमारा यह भी मानना है कि एक बार फिर से भाजपा को अकेले ही बहुमत आएगा. कहीं कोई संदेह और खरीद-फरोख्त की गुंजाईश इस बार भी जनता छोड़ने नहीं जा रही. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रधानमंत्री के पद पर अपना दावा ठोंक दिया है. अब ऐसी गैरजिम्मेदाराना हरकत को क्या नाम दिया जाए? पानी में मछली और बंटवारे के लिए लठ्ठम लठ्ठा. अरे बहन जी अभी तो एक चरण का मतदान भी शेष है कुछ सब्र कर लिया होता. वैसे भी कांग्रेस के सुपरस्टार नेता मणिशंकर अय्यर ने फिर से एक बार शानदार वापसी की है और इस बार वे कदाचित इस प्रण के साथ वापस आए हैं कि अबकी बार ४०० पार, कौन कांग्रेस? नहीं भाई भाजपा. दरअसल मणिशंकर चाचा हैं तो कांग्रेस में लेकिन अंदरखाने वे भाजपा से मिले हुए हैं. इसलिए आते ही उन्होंने उस कांग्रेस पार्टी को अपने पुराने नीच वाले बयान को दोहराकर फिर से संकट में डाल दिया है जिसने अभी-अभी बड़ी मुश्किल से सैम पित्रोदा के हुआ तो हुआ वाले बयान से पीछा छुड़ाया था.
मित्रों, इन दिनों इन बुड्ढों ने जिस तरह से कांग्रेस का बेडा गर्क कर रखा है उसे देखते हुए मुझे तो लगता है कि कांग्रेस को भी अविलम्ब से मार्गदर्शक मंडल बना ही देना चाहिए वरना ये बुड्ढे अपने श्राद्ध से पहले पार्टी का ही श्राद्ध करवा डालेंगे. खैर अब तो जो नुकसान कांग्रेस को होना था हो चुका. देखना यह है कि २३ मई के बाद राहुल थाईलैंड जाते हैं या जेल. वैसे हमने तो कानों कान सुना है कि प्रियंका अपने पूरे परिवार सहित १९ मई को
ही स्विट्जर्लैंड के लिए निकल लेनेवाली है. खैर हमारा क्या हम तो कहीं नहीं जानेवाले जी. वो बिहार में कहते हैं न कि झोली में दाम न सराय में डेरा. हम तो पहले भी लूट लाते थे और कूट खाते थे और आगे भी इसी परंपरा का निर्वाह करते रहेंगे. बस कभी हमारे देश का सिर दुनिया में कहीं भी न झुके हमारा तो बस इतना-सा ख्वाब है.

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