रविवार, 10 जनवरी 2021

बदले-बदले हुए सरकार नजर आते हैं

मित्रों, अभी ज्यादा दिन नहींं हुए जब बिहार विधानसभा चुनावो के दौरान विपक्ष के नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को चुका और थका हूआ कह रहे थे। तब मैने अपनी तरफ से कहा था कि नीतीश कुमार न टायर्ड हैं और न ही रिटायर्ड। बस गियर बदलने की देरी है फिर से नीतीश जी भारत के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमन्त्री साबित होगे। मित्रों, यह अतीव प्रसन्नता का विषय है कि नीतीशजी ने मेरे दावे को सही साबित किया है और अपनी कर्मठता को एक बार फिर से साबित किया है। चाहे वह बिहार सरकार का कोई भी विभाग हो सबको चुस्त-दुरूस्त किया जा रहा है।नीतीशजी के साथ-साथ कई सारे मंत्रीगण भी अपने-अपने विभागों से भ्रष्टाचार समाप्त करने की दिशा में लगातार प्रयत्नशील है। मित्रों, जहां तक मुझे लगता है बिहार की सबसे बड़ी समस्या भूमि सुधार की है। इस विभाग के मंत्री रामसूरत राय खुद स्वीकार कर चुके है कि उनके विभाग में सर्वाधिक भ्रष्टाचार है। इसकी रोकथाम के लिए उन्होंने बडे ही प्रभावी कदम भी उठाए है। अब रजिस्ट्री होते ही स्वत: मोटेशन हो जाएगा। इतना ही नहीं हल्का के कागजात भी अबसे अंचल कार्यालय में रहा करेंगे। औनलाईन रसीद तो पहले से ही काटी जा रही है मंत्रीजी ने चकबंदी के लिए भी आदेश दिए हैं जिससेे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरह किसानों की जोत भी बडी हो सके। मित्रो, अगर पूरे बिहार में ऑनलाईन एफआईआर की सुविधा हो जाए तो मणिकांचन संयोग हो जाए। जनता दरबार के पुनरारंभ के लिए भी नीतैश जी साधुवाद के पात्र हैं। मित्रों, जैसा कि मैने इस आलेख का शीर्षक लिया है तो वह गीत निगेटिव सेंस में था जो यहां लागू नहींं होता। यहां आसार बर्बादी के नही है बल्कि खुशहाली के हैं।

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