सोमवार, 2 अगस्त 2021

पारदर्शिता घटानेवाला सुधार

मित्रों, वर्तमान राजनीति के बारे में आपका क्या ख्याल है? मेरी माने तो ऐन केन प्रकारेण सफलता या जीत प्राप्त कर लेना ही वर्तमान काल में राजनीति है लेकिन जब कोई सत्ता पा लेने के बाद भी छल करता रहे तो उसे क्या कहेंगे? मित्रों, आपने एकदम ठीक समझा है मेरा तात्पर्य भारत के उन्हीं नेताओं से है जिनके हाथों में हमने अपने देश-प्रदेश का वर्तमान दे रखा है। वही नेता जिनकी कथनी और करनी में कोई साम्य ही नहीं है। जो कहते कुछ है और करते कुछ हैं। दिखाते कुछ हैं और होता कुछ है। कई बार उनके शब्द उनके कृत्य के नितांत विपरीत होते हैं। मित्रों, मैं मोदीजी की बात नहीं कर रहा मैं बात कर रहा हूं बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय जी की। दरअसल पिछले दिनों बडी धूमधाम से बिहार भूमि की वेबसाइट का नवीनीकरण किया गया है। ३१ जुलाई को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत राय जी ने इसका उद्घाटन किया. निस्संदेह यह एक अच्छा कदम है क्योंकि कई सारी सुविधाएँ जो पहले से इस वेबसाइट पर जनता जनार्दन को उपलब्ध नहीं थी अब उपलब्ध है. मित्रों, लेकिन एक सुविधा जो पहले से इस वेबसाइट पर उपलब्ध थी अब समाप्त कर दी गई है. पहले जहाँ प्रत्येक मौजा के प्रत्येक वर्ष के अब तक के सारे लंबित दाखिल ख़ारिज मामलों की स्थिति को जब चाहे तब चाहे जितनी बार देखा जा सकता था अब देखा नहीं जा सकेगा. निश्चित रूप से इससे उन निकम्मे और घूसखोर कर्मचारियों व अधिकारियों को फायदा पहुँचनेवाला है जो बिना घूस लिए जमीन का दाखिल ख़ारिज नहीं करते. मित्रों, जहाँ पूरी दुनिया में सूचना क्रांति के इस दौर में पारदर्शिता बढ़ाने पर जो दिया जा रहा है वहीँ बिहार सरकार ने अपने सबसे भ्रष्ट विभाग में पारदर्शिता को घटानेवाला पश्चगामी कदम उठाया है. एक तरफ मंत्रीजी इस विभाग से घूसखोरी को समाप्त करने का इरादा लगातार मीडिया में जाहिर करते रहते हैं वहीँ दूसरी और उनके द्वारा वेबसाइट में प्रतिगामी परिवर्तन जिससे रिश्वतखोरी को बढ़ावा मिलेगा आश्चर्य में डालनेवाला है. निश्चित रूप से यह जनता के साथ छल है, धोखा है.

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