बुधवार, 16 सितंबर 2009

शशि थरूर क्या विदेश राज्यमंत्री होने के लायक हैं?

भारत के सार्वकालिक महान कूटनीतिज्ञ और विदेश राज्य मंत्र शशि थरूर ने विमानों के इकोनोमी क्लास को जानवरों का बड़ा कहकर कांग्रेस के सादगी के अभियान को जोरदार झटका दिया है. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इकोनोमी क्लास में विमान-यात्रा कर अपनी पार्टी की सरकार के मंत्रियों को सादगी का संदेश दिया था. हालाँकि उनकी यह कथित सादगी भरी यात्रा अंततः सरकारी क्षेत्र की विमान कम्पनी के लिए चूं-चूं का मुरब्बा ही सिद्ध हुई और सुरक्षा कारणों से लगभग आधी सीटें खाली करवानी पर गईं. कुछ इसी तरह की घटना राहुल गाँधी की रेल यात्रा में भी देखने को मिली, जिसका गुब्बार अभी थमा भी नहीं है.
ये श्रीमान शशि थरूर वही व्यक्ति हैं जिनको भारत ने यूएन ओ के महासचिव पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था. शशिजी को इकोनोमी क्लास जानवरों का बड़ा लगता है तो इसका सीधा मतलब है की इसमें यात्रा करने वाले उनकी नज़र में जानवर हैं. फ़िर हम ज़मीन पर चलने वाले लोगों के लिए तो नया विशेषण ही गढ़ना होगा. शायद शशिजी ने कुछ सोंच भी रखा हो. क्या बिडम्बना है की शशिजी जिस सरकार में विदेश राज्य मंत्री हैं, वह हम जमीन पर रेंगने वाले कीडे- मकोडों के वोट से बनी है। हालाँकि कांग्रेस पार्टी ने उनके मतों को नकार दिया है, क्या इस तरह की विलासितापूर्ण ज़िन्दगी जीने वाले व्यक्ति को मंत्री बनाये रखना उचित है; वह भी ऐसी सरकार में जो कथित रूप से आमलोगों की चिंता करने वाली सरकार है।

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