मंगलवार, 14 अगस्त 2012

सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?

सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?
भूल गई अपने आपको राहुल-प्रियंका के बाप को?
सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?


आपके राजीव ने किया था 1985 में
असम के लोगों से समझौता;
बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने का
किया था वादा;
वोट बैंक तो याद रहा पर असम समझौता
याद नहीं रहा आपको?
सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?
भूल गई अपने आपको राहुल-प्रियंका के बाप को?

मुम्बई में आगजनी बरेली में दंगा;
हत्याएं कर रहा नक्सली लफंगा;
आसमान छू रही महंगाई है,
अर्थव्यवस्था धराशायी है;
समर्थकों की सहायक और
विरोधियों की शत्रु सी.बी.आई. है;
राज करना तो याद रहा पर
राजधर्म याद नहीं रहा आपको?
सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?
भूल गई अपने आपको राहुल-प्रियंका के बाप को?

राष्ट्रमंडल,2-जी,कोयला और
अंतरिक्ष घोटाला,
फिर भी लगा रहा आपकी
जुबान पर ताला;
क्या है रहस्य इसमें
क्या है गड़बड़झाला?
क्वात्रोची है क्या सचमुच
राजीव गाँधी का साला?
सच को हमसे छिपा लीजिए भले ही
ऊपरवाले से कैसे छिपाएंगी पाप को?
सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?
भूल गई अपने आपको राहुल-प्रियंका के बाप को?
सोनियाजी सोनियाजी क्या हुआ आपको?

3 टिप्‍पणियां:

  1. सोनिया प्रियंका के बाप को भूलने में ही खैर है राम जेठमलानी मुंह खोलके कह रहें हैं राजीव गाँधी प्रमुख स्विस बैंकिया रहें हैं लम्बे चौड़े खाते हैं इनके जिनकी शुरुआत सोनिया के नाम से इंदिराजी ने की थी .नॉमिनी थे राजीव गाँधी .बाद उनके अब नामांकन है राहुल का .राहुल मैं अगर हौसला है और अगर वह सच्चे हैं तो मान हानि का दावा ठोंके जेठमलानी पर .कहाँ गए ये बड़ी पारी बड़ा रोल लेने वाले ?
    मुम्बई में क्या हुआ इसकी पोल एक चैनल ने खोली है कैसे एक कौम के आरक्षित संरक्षित लोग हिन्दुओं को ललकार रहे थे .मारो सालों को माचिस कहाँ है आग लगा दो सबको को और बेचारे उस ए सी पी को जनाबे कमिश्नर से मुहं की खानी पड़ी छोड़ दो इन्हें (ये दो सेकुलर वीरों के पिल्लै थे ),आई एम् दी कमिश्नर ,डिस इज माई ऑर्डर ,उनसे कहा गया ,भाग जाओ ,दिखना मत दोबारा .तो ज़नाब यह आलम है इनका असम में तो बे -शर्मी और पर्दा दारी की सभी हदें इस कुनबे ने अब तोड़ दीं हैं .पानी सर के ऊपर से जा चुका है .यह लुगाई चर्च के हाथों खेल रही है सारे सेकुलर भांड जिन्हें बाहर से इमदाद मिलती है इस बे -पर्दा औरत के साथ हैं .

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  2. सोनिया प्रियंका के बाप को भूलने में ही खैर है राम जेठमलानी मुंह खोलके कह रहें हैं राजीव गाँधी प्रमुख स्विस बैंकिया रहें हैं लम्बे चौड़े खाते हैं इनके जिनकी शुरुआत सोनिया के नाम से इंदिराजी ने की थी .नॉमिनी थे राजीव गाँधी .बाद उनके अब नामांकन है राहुल का .राहुल मैं अगर हौसला है और अगर वह सच्चे हैं तो मान हानि का दावा ठोंके जेठमलानी पर .कहाँ गए ये बड़ी पारी बड़ा रोल लेने वाले ?
    मुम्बई में क्या हुआ इसकी पोल एक चैनल ने खोली है कैसे एक कौम के आरक्षित संरक्षित लोग हिन्दुओं को ललकार रहे थे .मारो सालों को माचिस कहाँ है आग लगा दो सबको को और बेचारे उस ए सी पी को जनाबे कमिश्नर से मुहं की खानी पड़ी छोड़ दो इन्हें (ये दो सेकुलर वीरों के पिल्लै थे ),आई एम् दी कमिश्नर ,डिस इज माई ऑर्डर ,उनसे कहा गया ,भाग जाओ ,दिखना मत दोबारा .तो ज़नाब यह आलम है इनका असम में तो बे -शर्मी और पर्दा दारी की सभी हदें इस कुनबे ने अब तोड़ दीं हैं .पानी सर के ऊपर से जा चुका है .यह लुगाई चर्च के हाथों खेल रही है सारे सेकुलर भांड जिन्हें बाहर से इमदाद मिलती है इस बे -पर्दा औरत के साथ हैं .

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