मित्रों,हमारे लिए यह अभूतपूर्व गौरव की बात है कि हमारी पहले लगाई गई खबर कुछ दिनों की देर से ही सही,सत्य साबित हुई है। भारत के परमवीर सैनिकों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर कई दर्जन आतंकवादियों जन्नत का रास्ता दिखाया है। भारत सरकार की दिलेरी को सलाम जिसने आज अचानक भारत को अमेरिका के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया है। जो लोग प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर सवाल उठाते थे वे नासमझ शायद अब समझ गए होंगे कि पीएम विदेश क्यों जाते थे। यह पीएम के विदेश दौरों और भारत सरकार की शानदार कूटनीति का ही परिणाम है कि आज भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राईक के बाद दुनिया के किसी भी कोने से भारत के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठी। बल्कि इसके उलट दुनिया की एकमात्र महाशक्ति अमेरिका सहित कई गणमान्य देशों ने भारत के कदम को उचित ठहराया। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह वही अमेरिका और गणमान्य देश हैं जिन्होंने 1998 में पोखरण-2 के बाद भारत पर बेशुमार प्रतिबंध लगा दिए थे। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यह वही अमेरिका है जिसकी एक चेतावनी के बाद 1999 में भारतीय सेना कारगिल-युद्ध के दौरान नियंत्रण रेखा के इस पार रहकर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गई थी।
मित्रों,कुछ लोग कह सकते हैं कि अब समय बदल गया है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि समय स्वतः नहीं बदला करता उसको बदल देना होता है। यह काम हर किसी के वश का होता भी नहीं। यह तो वही कर सकता है जिसके सीने में सिंह से ज्यादा निर्भय अदम्य साहस हो,जिसको अपने ऊपर हिमालय से भी ज्यादा अटल विश्वास हो और जिसकी दृढ़ता की तुलना हजारों पर्वतों से भी न की जा सके। वरना क्या कारण है कि नेहरू के समय जो सेना बुरी तरह से पराजित होती है वही सेना शास्त्री के समय विकराल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ती है? नेपोलियन या बाजीराव के पास कोई अलग तरह की सेना नहीं थी। सेना तो वही थी लेकिन कमांडर अलग तरह थे। भारत ने एक झटके में सॉफ्ट स्टेट के शर्मनाक तमगे को अपने सीने से नोंच फेंका है और पूरी दुनिया को बता दिया है कि जब-जब भी हमारे धैर्य की सीमा टूटेगी हम दुश्मन के खेमे में घुसकर प्रलय ला देंगे। हमने साबित कर दिया है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हिटलर ने कोई मजाक में नहीं कहा था कि हमें भारत की सेना दे दी जाए तो हम एक हफ्ते में पूरी दुनिया पर कब्जा कर लें। हमने साबित कर दिया है कि हम प्रताप,शिवा,गुरू गोविंद,पृथ्वीराज,हठी हम्मीर,लक्ष्मीबाई,सांगा,दुर्गावती,अब्दुल हमीद की संतान हैं और हमारे जिस्म में खून नहीं बहता गरम-गरम लावा बहता है,हमारी धमनियाँ इस्पात की बनी हैं और हमारे नथूनों से साँसें नहीं निकलती अग्नि का वबंडर निकलता है।
मित्रों,वर्तमान परिस्थिति में सबसे ज्यादा हँसी आती है पाकिस्तान पर जिसकी भई गति साँप-छछूंदर केरी की हो गई है। न निगलते बन रहा है और न उगलते। मान लिया कि भारत ने कार्रवाई की है तो तुरंत फौरी कदम उठाने पड़ेंगे और अगर मान लिया कि नहीं की है तो भारत के पास एक-एक पल की वीडियो रिकॉर्डिंग है। 1998 से अबतक लगातार भारत को परमाणु हमले की धमकी देनेवालों के मुँह पर आज लिंक अटूट लगा हुआ है। इतना ही नहीं मन से या बेमन से आज भारत के सारे राजनीतिक दलों को सरकार और सेना का साथ देना पड़ रहा है। जो लोग कल तक मोदी के 56 ईंच वाले बयान की हँसी उड़ा रहे थे आज अपना मुँह छुपाते फिर रहे हैं।
मित्रों,इतिहास साक्षी है कि भारत ने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया इसलिए हमारी आक्रामकता से किसी को भी डरने की जरुरत नहीं है लेकिन चीन-पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को यह समझ लेना होगा कि आज का भारत तीन साल पहलेवाला भारत नहीं है। आज भारत का नेतृत्व किसी हुक्म के गुलाम,किसी कठपुतली या किसी रिमोट-संचालित व्यक्ति के हाथों में नहीं है बल्कि एक ऐसे योगी,एक ऐसे संन्यासी के हाथों में है जिसके जीवन का एक-2 क्षण और जिसके शरीर का एक-2 कण राष्ट्र को समर्पित है।
मित्रों,कुछ लोग कह सकते हैं कि अब समय बदल गया है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि समय स्वतः नहीं बदला करता उसको बदल देना होता है। यह काम हर किसी के वश का होता भी नहीं। यह तो वही कर सकता है जिसके सीने में सिंह से ज्यादा निर्भय अदम्य साहस हो,जिसको अपने ऊपर हिमालय से भी ज्यादा अटल विश्वास हो और जिसकी दृढ़ता की तुलना हजारों पर्वतों से भी न की जा सके। वरना क्या कारण है कि नेहरू के समय जो सेना बुरी तरह से पराजित होती है वही सेना शास्त्री के समय विकराल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ती है? नेपोलियन या बाजीराव के पास कोई अलग तरह की सेना नहीं थी। सेना तो वही थी लेकिन कमांडर अलग तरह थे। भारत ने एक झटके में सॉफ्ट स्टेट के शर्मनाक तमगे को अपने सीने से नोंच फेंका है और पूरी दुनिया को बता दिया है कि जब-जब भी हमारे धैर्य की सीमा टूटेगी हम दुश्मन के खेमे में घुसकर प्रलय ला देंगे। हमने साबित कर दिया है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हिटलर ने कोई मजाक में नहीं कहा था कि हमें भारत की सेना दे दी जाए तो हम एक हफ्ते में पूरी दुनिया पर कब्जा कर लें। हमने साबित कर दिया है कि हम प्रताप,शिवा,गुरू गोविंद,पृथ्वीराज,हठी हम्मीर,लक्ष्मीबाई,सांगा,दुर्गावती,अब्दुल हमीद की संतान हैं और हमारे जिस्म में खून नहीं बहता गरम-गरम लावा बहता है,हमारी धमनियाँ इस्पात की बनी हैं और हमारे नथूनों से साँसें नहीं निकलती अग्नि का वबंडर निकलता है।
मित्रों,वर्तमान परिस्थिति में सबसे ज्यादा हँसी आती है पाकिस्तान पर जिसकी भई गति साँप-छछूंदर केरी की हो गई है। न निगलते बन रहा है और न उगलते। मान लिया कि भारत ने कार्रवाई की है तो तुरंत फौरी कदम उठाने पड़ेंगे और अगर मान लिया कि नहीं की है तो भारत के पास एक-एक पल की वीडियो रिकॉर्डिंग है। 1998 से अबतक लगातार भारत को परमाणु हमले की धमकी देनेवालों के मुँह पर आज लिंक अटूट लगा हुआ है। इतना ही नहीं मन से या बेमन से आज भारत के सारे राजनीतिक दलों को सरकार और सेना का साथ देना पड़ रहा है। जो लोग कल तक मोदी के 56 ईंच वाले बयान की हँसी उड़ा रहे थे आज अपना मुँह छुपाते फिर रहे हैं।
मित्रों,इतिहास साक्षी है कि भारत ने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया इसलिए हमारी आक्रामकता से किसी को भी डरने की जरुरत नहीं है लेकिन चीन-पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को यह समझ लेना होगा कि आज का भारत तीन साल पहलेवाला भारत नहीं है। आज भारत का नेतृत्व किसी हुक्म के गुलाम,किसी कठपुतली या किसी रिमोट-संचालित व्यक्ति के हाथों में नहीं है बल्कि एक ऐसे योगी,एक ऐसे संन्यासी के हाथों में है जिसके जीवन का एक-2 क्षण और जिसके शरीर का एक-2 कण राष्ट्र को समर्पित है।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "भाखड़ा नंगल डैम पर निबंध - ब्लॉग बुलेटिन“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंहमारा सिर गर्व से ऊँचा हो गया है-लेकिन इन बातों पर बहुत अधिक हल्ला मचाना भी सही नहीं लगता ,सहज-ग्राह्य रूप से आगे काम चलता रहे ...
जवाब देंहटाएंजय हिन्द । मित्र वास्तव मे ही यह हमारे लिए गर्भ की बात है । पहली बार दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है । भारत ने की हम भी किसी से कम नही है । जय मातादी 🌷🌷🌷🌷🌷
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