बुधवार, 10 जुलाई 2013
सुशासन में आकाशकुसुम हुआ न्याय
मित्रों,जब ग्राम+पोस्ट-राहतपुर,थाना-बलिया,जिला-बेगूसराय निवासी बलराम सिंह ने वर्ष 2002 में अपनी फूल से भी ज्यादा नाजुक पुत्री पुष्पम का हाथ ग्राम+पोस्ट-हरखपुरा,थाना-गढ़पुरा,जिला-बेगूसराय निवासी चिरंजीवी मुरारी राय के हाथों में सौंपा था तब उन्होंने यह सपनों में भी नहीं सोंचा था कि एक दिन इन्हीं हाथों से उनकी पुत्री की दो-दो बच्चों की माँ बन जाने के बाद चंद रूपयों की मांग को उनके द्वारा पूरा न कर पाने के कारण हत्या कर दी जाएगी। उन्होंने सोंचा तो यह भी नहीं था कि सुशासन की पुलिस मोटी रिश्वत खाकर उनके बजाए उनकी बेटी के हत्यारों की ही पैरोकार हो जाएगी और उनकी बेटी तो क्या उसकी आत्मा तक को भी न्याय नहीं मिल पाएगा।
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