सोमवार, 30 मई 2016

ISIS करा रहा यूपी में दंगे!

लखनऊ (सं.सू.)। यूपी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आजमगढ़ में हाल में हुए दंगे में आईएस (इस्लामिक स्टेट) का हाथ हो सकता है। सुरक्षा एजेंसियों व यूपी पुलिस इस बात की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक यूपी के कई शहर इस्लामिक स्टेट की रडार पर है और इस्लामिक स्टेट इन शहरों में दंगे करवा सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आजमगढ़ में हुए दंगे में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का जमकर इस्तेमाल किया गया और इसके पीछे आईएस का हाथ हो सकता है क्योंकि इस्लामिक स्टेट को सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए करने में महारत हासिल है।

हाल में ही आतंकी संगठन आईएसआईएस के वीडियो में दिखे दो आतंकियों की पहचान हो गई है। जबसे सुरक्षा एजेंसियो को पता चला है कि दोनों आतंकी यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले हैं। उसके बाद से एनआईए और उत्तर प्रदेश पुलिस चौकस हो गयी है। ये दोनों आतंकी इंडियन मुजाहिदिन के भगोड़े हैं।

सूत्रों की मानें, तो पुलिस ने वीडियो में दिखे दोनों आतंकी अबु राशिद अहमद और मोहम्मद बड़ा साजिद के आजमगढ़ स्थित घर पहुंचकर उनके घरवालों से पूछताछ की है और उनको इन दोनों का वीडियो दिखकर उनकी पहचान भी करवाई है। इस दौरान दोनों ही आतंकियों के घरवालों ने इन दोनों की पहचान भी की है।

गौरतलब है कि आईएस ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें भारत में बाबरी मस्जिद, कश्मीर, गुजरात और मुजफ्फरनगर दंगे का बदला लेने की धमकी दी गई थी। ये वीडियो दक्षिण-एशिया जिहादियों पर आधारित आईएस का पहला वीडियो है। इस वीडियो में महाराष्ट्र में ठाणे के इंजीनियर के छात्र रहे अमन टंडेल का इंटरव्यू भी दिखाया गया है।

साथ ही शाहीम टंकी और फहाद शेख की कुछ तस्वीरें भी हैं। इस वीडियो में इन लोगों ने देश के कई बम धमाकों में अपनी भूमिका की बात कही है। इसके साथ ही इस वीडियो में अंजाम दी गई आतंकी घटनाओं, भारत से भागने और योजनाओं के बारे में बात की गई है।

एनआईए के मुताबिक आजमगढ़ निवासी राशिद वर्ष 2005 से 2008 तक इंडियमन मुजाहिदिन द्वारा किए गए बम धमाकों का संदिग्ध है। दूसरा आतंकी मोहम्मद साजिद भी आजमगढ़ का है, साजिद अहमदाबाद और जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में संदिग्ध है।

सूत्रों के मुताबिक इस वीडियो के बाद से एनआईए की एक टीम आजमगढ़ में कैम्प कर रही है और पुलिस की मदद से इन दोनों आतंवादियों के बारे में और जानकारी इकट्ठा कर रही है। टीम खुफिया तौर पर इस बात की भी जांच कर रही है कि कही इस इलाके के और भी लड़के इनके टच में तो नहीं आ गए हैं। टीम उस इलाके की सोशल मीडिया पर भी नज़र रख रही है।

कोहली का सपना टूटा, सनराइजर्स हैदराबाद आईपीएल-9 चैंपियन

बेंगलुरू (सं.सू.)। बेन कटिंग के आलराउंड खेल और गेंदबाजों की सही समय पर दिलाई गई शानदार वापसी से सनराइजर्स हैदराबाद ने क्रिस गेल के तूफान के सामने कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद आज यहां बड़े स्कोर वाले फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को आठ रन से हराकर पहली बार आइपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। सनराइजर्स के गेंदबाजों का प्रदर्शन निर्णायक साबित हुआ क्योंकि एक समय गेल के 38 गेंदों पर चार चौकों और आठ छक्कों की मदद से बनाये गये 76 रन और कोहली (54) के एक और अर्धशतक से आरसीबी तेजी से जीत की तरफ बढ़ रहा था। आरसीबी का स्कोर 13वें ओवर में एक समय एक विकेट पर 140 रन था लेकिन इसके बाद सनराइजर्स के गेंदबाजों ने शिकंजा कसा और आखिर में कोहली की टीम को सात विकेट पर 200 रन तक ही पहुंचने दिया।

इससे पहले सनराइजर्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए डेविड वार्नर, कटिंग और युवराज सिंह के प्रयासों से सात विकेट पर 208 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया था। कप्तान वार्नर ने 38 गेंदों पर आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 69 रन बनाये। कटिंग ने 15 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाये जिसमें तीन चौके और चार छक्के शामिल हैं। युवराज ने 23 गेंदों पर 38 रन की दमदार पारी खेली। सनराइजर्स पहली ऐसी टीम बन गई है जिसने लगातार तीन प्लेआफ जीतकर खिताब अपने नाम किया। उसने एलिमिनिटेर में कोलकाता नाइटराइडर्स और फिर दूसरे क्वालीफायर में गुजरात लायन्स को हराया था।

टूर्नामेंट में सर्वाधिक 23 विकेट लेने वाले भुवनेश्वर कुमार को आज भले ही कोई विकेट नहीं मिला लेकिन उनकी 13 गेंदों पर रन नहीं बने। उन्होंने चार ओवर में केवल 25 रन दिये। कटिंग ने 25 रन देकर दो विकेट लिये। गेल ने हालांकि एक समय सनराइजर्स के खेमे में चिंता की लहर दौड़ा दी थी। वेस्टइंडीज के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने फाइनल से पहले 9 पारियों में 151 रन बनाये थे लेकिन आज उन्होंने शुरू में ताबड़तोड़ रन जुटाकर टीम पर से दबाव हटा दिया। पहले विकेट के लिये 114 रन की साझेदारी निभायी गयी जिसमें कोहली का योगदान 32 रन था। गेल ने बरिंदर सरां को शुरू में निशाने पर रखा और इस तेज गेंदबाज के पहले दो ओवरों में तीन गगनदायी छक्के लगाये। कटिंग का स्वागत उन्होंने छक्के और चौके से किया और जब मोएजेस हेनरिक्स ने गेंद थामी तो लांग आन पर सीधा छक्का जड़कर 25 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। हेनरिक्स के अगले ओवर में उन्होंने लगातार दो चौके और छक्के जड़कर उनके हताश कर दिया। आखिर में कटिंग की गेंद पर उन्होंने थर्डमैन पर हवा में लहराता कैच थमाया।

कोहली ने रणनीतिक बल्लेबाजी। उन्होंने वार्नर के तुरूप के इक्के मुस्तफिजुर रहमान को निशाना बनाया जिससे सनराइजर्स की टीम पर दबाव बनना स्वाभाविक था। आरसीबी कप्तान ने सरां पर छक्के से अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसी ओवर में उनकी गिल्लियां बिखर गयी जिससे उनका एक सत्र में 1000 रन पूरे करने का सपना अधूरा रह गया। कोहली ने 16 मैचों में 973 रन बनाये।

बिपुल शर्मा ने अगले ओवर में एबी डिविलियर्स (5) को आउट करके सनराइजर्स की कुछ उम्मीदें जगायी। केएल राहुल (11) भी नहीं चल पाये। कटिंग ने उनका आफ स्टंप थर्राया। उम्मीद थी कि वाटसन गेंदबाजी की अपनी कमी की यहां भरपायी करेंगे लेकिन वह भी 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गये। स्टुअर्ट बिन्नी (9) ने मुस्तफिजुर के इस ओवर में छक्का जड़कर आरसीबी खेमे में कुछ जोश भरा लेकिन आखिरी दो ओवर में 30 रन बनाना आसान नहीं था। ऐसे में बिन्नी रन आउट हो गये। सचिन बेबी ने मुस्तफिजुर की गेंद छह रन के लिये भेजी जिससे अंतिम ओवर में 18 रन का लक्ष्य रह गया था और भुवनेश्वर ने नौ रन देकर अपनी टीम को जीत दिलायी।

इससे पहले वार्नर ने अपने गेंदबाजों पर पूरा भरोसा जताकर टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और फिर अपनी शानदार फार्म जारी रखकर शिखर धवन 25 गेंदों पर 28 रन के साथ पहले विकेट के लिये 40 गेंदों पर 63 रन की साझेदारी करके ठोस शुरूआत दी। नयी गेंद संभालने वाले क्रिस गेल ने शुरू में किफायती गेंदबाजी की लेकिन आज शेन वाटसन का दिन नहीं था जो शुरू से आखिर तक रन लुटाते रहे।

वाटसन को शुरू में वार्नर ने निशाना बनाया जबकि डेथ ओवरों में कटिंग ने उन पर चार छक्के जड़े। वाटसन ने चार ओवर में 61 रन लुटाये। इनमें से 24 रन उन्होंने पारी के आखिरी ओवर में दिये जिसमें कटिंग के तीन छक्के शामिल हैं। वार्नर ने शुरू में वाटसन ही नहीं बल्कि गेल को भी आक्रमण से हटवाया था। उन्होंने एस अरविंद की गेंद पर थर्डमैन पर कैच थमाने से पहले केवल 24 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। आरसीबी को हालांकि पहली सफलता यजुवेंद्र चहल ने धवन को डीप स्क्वायर लेग पर कैच आउट कराकर दिलायी थी जबकि पिंच हिटर मोएजेस हेनरिक्स (चार) नहीं चल पाये थे। वार्नर ने आईपीएल नौ में कुल 848 रन बनाये।

युवराज ने क्रिस जोर्डन 45 रन देकर तीन विकेट और चहल की गेंदों को छक्के लगाये लेकिन सनराइजर्स की डेथओवरों में तेजी से रन बनाने की उम्मीदों को तब करारा झटका लगा जब दीपक हुड्डा (03) और युवराज तीन गेंद के अंदर पवेलियन लौटे। जोर्डन की गेंद पर युवराज सही टाइमिंग से शाट नहीं लगा पाये और एक्स्ट्रा कवर में वाटसन ने आगे गोता लगाकर कैच कर दिया। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये।

आखिरी ओवरों में रन बनाने का जिम्मा कटिंग ने बखूबी संभाला। उन्होंने वाटसन पर मिडविकेट पर खूबसूरत छक्का और फिर चौका लगाया लेकिन कोहली ने पारी का आखिरी ओवर फिर से इसी आलराउंडर को सौंप दिया। कटिंग ने अपने इस आस्ट्रेलियाई साथी पर कोई रहम नहीं दिखाया। पहली गेंद चार तो अगली दो गेंद छक्के के लिये गयी। इनमें से पहला छक्का तो 117 मीटर लंबा था जो स्टेडियम के बाहर चला गया। आखिरी गेंद भी कटिंग ने छक्का जड़ा।

-स्कोर कार्ड-
रायल चैलेंजर्स बेंगलूर
क्रिस गेल का बिपुल बो कटिंग 76
विराट कोहली बो सरां 54
एबी डिविलियर्स का हेनरिक्स बो बिपुल 05
लोकेश राहुल बो कटिंग 11
शेन वाटसन का हेनरिक्स बो मुस्तफिजुर 11
सचिन बेबी नाबाद 18
स्टुअर्ट बिन्नी रन आउट 09
क्रिस जोर्डन रन आउट 03
इकबाल अब्दुल्ला नाबाद 04
अतिरिक्त 09
कुल : 20 ओवर में, सात विकेट पर : 200
विकेट पतन : 1-114, 2-140, 3-148, 4-160, 5-164, 6-180, 7-194

गेंदबाजी
भुवनेश्वर 4-0-25-0
सरां 3-0-41-1
कटिंग 4-0-35-2
मुस्तफिजुर 4-0-37-1
हेनरिक्स 3-0-40-0
बिपुल 2-0-17-1

रायल चैलेंजर्स बेंगलूर
क्रिस गेल का बिपुल बो कटिंग 76
विराट कोहली बो सरां 54
एबी डिविलियर्स का हेनरिक्स बो बिपुल 05
लोकेश राहुल बो कटिंग 11
शेन वाटसन का हेनरिक्स बो मुस्तफिजुर 11
सचिन बेबी नाबाद 18
स्टुअर्ट बिन्नी रन आउट 09
क्रिस जोर्डन रन आउट 03
इकबाल अब्दुल्ला नाबाद 04
अतिरिक्त 09
कुल : 20 ओवर में, सात विकेट पर : 200

विकेट पतन : 1-114, 2-140, 3-148, 4-160, 5-164, 6-180, 7-194
गेंदबाजी
भुवनेश्वर 4-0-25-0
सरां 3-0-41-1
कटिंग 4-0-35-2
मुस्तफिजुर 4-0-37-1
हेनरिक्स 3-0-40-0
बिपुल 2-0-17-1
- See more at: http://www.jansatta.com/cricket/ipl-2016-final-sunrisers-hyderabads-moment-in-the-sun/100726/#sthash.wucSXGwU.dpuf

कृषि क्षेत्र से बिचौलियों को समाप्त करने के लिए संकल्पित है सरकार-पीएम


नई दिल्ली (सं.सू.)। राष्ट्रीय कृषि बाजार को कृषि क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी कदम करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इससे किसानों को भरपूर फायदा होगा। किसानों की अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन आने वाला है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कृषि से बिचौलियों को समाप्त करने के लिए संकल्पित है।

राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल के उदघाटन अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि यह कदम आर्थिक दृष्टि से कृषि जगत के लिए टर्निंग प्वाईंट होगा। उन्होंने कहा कि अब देश का किसान खुद फैसला करेगा कि उसका माल कब और कहां बिकेगा। उन्होंने देश के सभी राज्यों से आह्वान किया है कि वे इस पहल को प्राथमिकता दें। पीएम ने कहा कि वर्ष 2018 तक देश की सभी कृषि मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल से जुड़ जाएंगी। इससे बाजार बढ़ेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि बाजार के बढ़ने से किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल से किसान, बिचौलिए और उपभोक्ता तीनों को ही लाभ मिलेगा। किसानों को मंडी में अपना उत्पाद बेचने का विकल्प नहीं रहता था। लेकिन अब वह दूसरे मंडियों में भी अपना उत्पाद बेच सकेगा। इससे उसकी परेसानियां भी कम होंगी। उन्होंने देश के किसानों से भी आग्रह किया है कि वे खेती को टूकडों में बांट कर न देखें। बल्कि कृषि क्षेत्र में सोलर क्रांति का भी लाभ उठाएं।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसानों से पीएम ने आग्रह किया है कि वे पुआल जलाना बंद करें। इससे दिल्लीवालों को भी राहत मिलेगी। पर्यावरण बेहतर होगा। उन्होंने किसानों से कहा है कि वे पुआल से बेहत्तर खाद्द बना सकते हैं। इसके लिए कई वैज्ञानिक तरीके हैं। तो गन्ना किसानों से भी पीएम ने कहा है कि वे खेती में ड्रीप सिंचाई का इस्तेमाल करें। खेती में पानी की कम खपत का आग्रह करते हुए पीएम ने किसानों से कहा है कि जो स्वभाव बच्चों का होता है। वही पौधों का भी होता है। इसलिए अफरात पानी के बजाय पौधों में बूंद-बूंद पानी दें। किसानों से उन्होंने खेत की सेहत का भी ध्यान रखने का आग्रह किया है।

इस अवसर पर पीएम के साथ कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, राज्य मंत्री संजीव बालियान भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल अभी 8 राज्यों गुजरात, तेलंगाना, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और हिमाचल प्रदेश के 21 मंडियों में शुरू हुआ है। इसे सफल बनाने के लिए राज्यों को अपने मंडी कानून में संशोधन करना पडेगा। पहले चरण में यह पोर्टल 12 राज्यों के 365 मंडियों में 25 सितंबर 2016 तक लागू होगा। मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों को पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इसके जरिए 25 कृषि उत्पादों चना, कैस्‍टर सीड, धान, गेहूं, मक्‍का, हल्‍दी, प्‍याज, सरसों, महुआ फूल, इमली आदि की खरीद बेच की जा सकेगी।

विशेषज्ञ सरकार के इस दावे से पूरी तरह से सहमत नहीं दिख रहे कि यह व्यवस्था कृषि के स्वरुप को ही बदलकर रख देगी।

दावा: कृषि उत्‍पादों की खरीद-बिक्री में बिचौलियों की भागीदारी नहीं होगी, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिलेगी।

सवाल: यह कौन तय करेगा कि इस प्‍लेटफॉर्म पर खरीदार बिचौलिया नहीं है। बिचौलियों को रोकने के लिए सरकार ने क्‍या व्‍यवस्‍था की है?

दावा: खरीदारों के लिए खरीद लागत कम होगी, वहीं किसानों को कई मंडी-शुल्‍कों से राहत मिलेगी।

सवाल: दिल्‍ली का व्‍यापारी यदि उत्‍तर प्रदेश के किसान से फसल खरीदेगा तो उस फसल की ट्रांसपोर्टेशन लागत कौन वहन करेगा। किसानों के पास भंडारण की अपनी व्‍यवस्‍था नहीं है, तो वह फसल न बिकने तक उसे कहां रखेगा?

दावा: खरीदार और विक्रेता के लिए गुणवत्‍ता जांच प्रक्रिया लाई जाएगी।

सवाल: उत्‍पाद की गुणवत्‍ता जांच का खर्च कौन वहन करेगा?

रविवार, 29 मई 2016

ईमानदार सरकार के शानदार दो साल


मित्रों, मेरे एक मौसा थे। नाम था नवलकिशोर सिंह। फारबिसगंज में ठेकेदारी करते थे। बड़े ठेकेदार थे इसलिए उनके दरवाजे पर अक्सर लोगों का जमघट लगा रहता था। उनका एक नौकर था विशु। मौसा अक्सर विशु को घर से चाय बनवाकर लाने को कहते और जब तक वो आंगन में दाखिल भी नहीं हुआ होता कि आवाज लगाते विशु चाय लेकर आओ। कुछ ऐसी ही व्यग्रता की बीमारी हमारे देशवासियों को भी लग गई है। वे भी भूल गए हैं कि शीघ्रता को भी समय चाहिए।
मित्रों,भूलने से याद आया कि आपकी याद्दाश्त मुझसे तो जरूर अच्छी होगी क्योंकि अपने घर में मैं महाभुलक्कड़ के रूप में जाना जाता हूँ। जब भी बाजार से 4 चीजें लाने के लिए कहा जाता है तो शर्तिया मैं 2 चीजें ही लाता हूँ। तो मैं कह रहा था कि क्या आपको याद है कि दो साल पहले जब आपने मोदी सरकार के हाथों में देश की कमान दी थी तब क्यों दी थी और तब देश की हालत क्या थी?
मित्रों,आपको याद होगा कि तब घोटाले रोजाना की बात हो गए थे और उनमें से कुछ तो अब जाकर उजागर हो रहे हैं। आपको याद होगा कि नेवी के जहाजों और पनडुब्बियों का डूबना भी तब रोज-रोज का कार्यक्रम हो गया था। बिजलीघरों में कोयला नहीं था और सेना के पास गोला-बारूद। भारत की अर्थव्यवस्था भी ध्वस्त होने के कगार पर थी। देश के विकास को न केवल लूट-खसोट द्वारा व जानबूझकर अवरूद्ध कर दिया गया था बल्कि देश रिवर्स गियर में जाने लगा था। चीन हमें चारों तरफ से घेर रहा था और हमारी तत्कालीन केंद्र सरकार मौन समर्थन देने का कार्य कर रही थी। केंद्र सरकार अपने कार्यों और नीतियों के द्वारा बहुसंख्यक हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना डालने पर आमादा थी। मानो हिंदू होना ही अपराध हो। पूर्वोत्तर और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में भारत विरोधी शक्तियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया था कि लगने लगा था कि सचमुच भारत तेरे टुकड़े होंगे हजार। 
मित्रों,कुल मिलाकर भारत को एक असफल राष्ट्र बना दिया गया था। हमारा प्राणों से भी प्यारा देश कई तरह के असाध्य रोगों से पीड़ित 21वीं सदी के एशिया का मरीज बन चुका था। अंधकार के ऐसे ही विकराल क्षणों में नरेंद्र मोदी उम्मीद की सतरंगी किरण बनकर हमारे सामने प्रकट हुए। उनके ओजस्वी भाषणों और गुजरात में उनके द्वारा किए गए कल्पनातीत विकास-कार्यों को देखते हुए आपने-हमने उन पर अपना विश्वास व्यक्त किया।
मित्रों,यह सही है कि किसी भी सरकार के लिए 2 साल कम नहीं होते लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि किस स्थिति में उनके हाथों में बागडोर सौंपी गई थी। आखिर असाध्य रोगी को ठीक करने और क्षयरोगी से महाबली बनाने में समय तो लगता ही है। इस सरकार ने बीमार को फिर से स्वस्थ बनाते हुए विदेशी पूंजी निवेश,ऊर्जा और आधारभूत संरचना के विकास के क्षेत्र में तो लाजवाब काम किया ही है विदेश नीति के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। सरकारी मिशनरी को त्वरित बनाने के लिए कई दर्जन आलसी अफसरों को घर बैठा दिया गया है। भ्रष्टाचार-नियंत्रण के क्षेत्र में भी विशेष काम हुआ है। डीबीटीएल के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये तो बचाए ही गए हैं साथ ही विपक्ष भी परेशान है क्योंकि वह पिछले 2 सालों में सरकार पर 1 पैसे के घोटाले के भी आरोप नहीं लगा पाया है। मुद्दाविहीन विपक्ष कभी पीएम मोदी के सूट की बात करता है तो कभी टोपी की तो कभी पगड़ी की तो भी डिग्री की।
मित्रों,इसमें कोई संदेह नहीं कि अभी थोड़ा-सा ही काम हुआ है और काफी कुछ होना बाँकी है लेकिन फिर भी सिर्फ इसी कारण से हम सरकार की नीयत पर संदेह नहीं कर सकते फिर अभी तो सरकार के पास हमारे दिए हुए तीन साल का समय भी बचा हुआ है। हमें पूरा विश्वास है कि बचे हुए तीन सालों में बैंकिंग,कृषि,शिक्षा,कालाधन,स्वास्थ्य,पुलिस,महँगाई,रोजगार-निर्माण आदि के क्षेत्र में प्रभावकारी और युगांतरकारी कार्य होंगे। मेरे विचार से कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में काम करना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि हमारा अन्नदाता उत्पादन के घटने और ज्यादा होने दोनों की दशाओं में मारा जा रहा है। अभी-अभी महाराष्ट्र से आई एक खबर ने पूरे भारत तो झकझोर कर रख दिया है कि वहाँ के एक किसान ने एक टन प्याज बेचा तो उसे उसके बदले में मात्र 1 रुपया मिला। इस स्थिति को बदलना ही होगा क्योंकि पिछली सरकारों के शुतुरमुर्गी रवैये का ही यह नतीजा है कि आज हमारे किसानों के समक्ष जीने का कोई रास्ता शेष नहीं बचा है। अकेले महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासलगांव में ही जनवरी 2015 से अब तक 26 प्याज-उत्पादक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। साथ ही हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कानून बने जिससे राज्य सरकार के नाकारा और भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की भी छँटनी की जा सके।
मित्रों,जब हम तीनों लोकों में जमकर घोटाले करनेवाले चोर-लुटेरों को लगातार 2 बार चुन सकते हैं तो फिर हम एक स्वच्छ,देशभक्त और ईमानदार सरकार को क्यों उसके अधिकार के 3 और साल नहीं देना चाहते? एक 66 साल का बूढ़ा आखिर हमारे लिए,हमारे देश और हमारे जीवन को बदलने के लिए ही तो साल के तीन सौ पैंसठो दिन दिन और रात के 20-20 घंटे लगातार अनथक परिश्रम कर रहा है। आपको याद है कि पहले कभी इतिहास में भारत एफडीआई के मामले में दुनिया का सिरमौर बना था? यहाँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2014 में भारत सूची में 5वें स्थान पर था। क्या पहले कभी भारत मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में दुनिया में छठे स्थान पर आया था? चीन और पाकिस्तान को छोड़ ईरान समेत पूरी दुनिया ने क्या कभी इस तरह भारत को हाथोंहाथ लिया था? क्या पहले कभी भारत विकास दर के मामले में दुनिया में नंबर 1 हुआ था? यह उसी लौहमानव की मेहनत और अनुशासन का तो परिणाम है कि इतिहास में पहली बार दुनिया की एकमात्र महाशक्ति अमेरिका भारत-पाकिस्तान को एक ही तराजू पर तोलने की बजाए खुलकर भारत का समर्थन कर रहा है। क्या पाकिस्तान और चीन भारत से और भ्रष्टाचारी तत्त्व केंद्र सरकार से कभी इतने भयभीत थे जितने कि आजकल हैं? क्या ये इस बात के संकेत नहीं हैं कि भारत न केवल बदल रहा है बल्कि दुनिया को बदलने की क्षमता भी हासिल कर रहा है। वो भी धीरे-धीरे नहीं बिजली की गति से।

शनिवार, 7 मई 2016

डिग्री न देखो,योग्यता को देखो,डिग्री ने भारत को लूटा

हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह.मित्रों,काफी दिन पहले हमने छठी जमात की अपनी पाठ्य-पुस्तक में आचार्य विनोबा भावे द्वारा लिखित एक निबंध पढ़ा था-जीवन और शिक्षण.उसमें लेखक ने कहा था कि हमारी शिक्षा-प्रणाली एकदम बेकार है क्योंकि पढाई गयी बातें जीवन में काम नहीं आती हैं.जब विद्यार्थी पढाई पूरी कर लेता है तो उसके सामने आजीविका की भयंकर समस्या खडी हो जाती है.एकदम से व्यक्ति को आँख बंद कर हनुमान जी की तरह जीवन के क्षेत्र में कूदा दिया जाता है.
मित्रों,कहने का तात्पर्य यह है कि जिंदगी में योग्यता ही काम आती है,हुनर काम आता है डिग्री काम नहीं आती लेकिन इन दिनों देखने में आ रहा है कि कुछ लोग भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों की डिग्रियों और जन्मतिथि के पीछे पड़े हुए हैं.ऐसा लगता है जैसे पीएम और उनके मंत्री सरकारी नौकरी में हैं जहाँ से उनको निर्धारित वेतन मिलता है और जहाँ से वे एक दिन रिटायर हो जाएँगे और उसके बाद उनको पेंशन मिलेगा.
मित्रों,भारत ने इससे पहले भारी-भरकम डिग्रियों वाले कम-से-कम तो पी.एम. तो देखे ही हैं-१.पीवी नरसिंह राव और २.मनमोहन सिंह.भारत ने यह भी देखा कि दोनों के समय में उनकी डिग्रियों से कई गुना ज्यादा घोटाले हुए. देश को पी.एम. का काम चाहिए न कि डिग्री.बिना व्यावहारिक ज्ञान और ईमानदारी के भारी-भरकम डिग्री वाला नेता लेकर क्या देश को उसकी डिग्रियों को लेकर चाटना है? क्या देश के लिए इतना ही काफी नहीं है कि २ साल में ही भारत चीन की आँख में आंख डालकर बात करने लगा है,एफ.डी.आई. का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है,विनिर्माण के क्षेत्र में ८वें से ६ठे स्थान पर आ गया है,पिछले दो सालों में कोई घोटाला नहीं हुआ है,गरीबों को पहली बार बैंकों से जोड़ा गया है और बिचौलियों को समाप्त करने की दिशा में पहली बार काम हो रहा है,पहली बार हर खेत को पानी देने की दिशा में सही तरीके से काम हो रहा है,एन.एच. और रेल लाईन निर्माण में अभूतपूर्व तेजी आई है,चलती ट्रेन में ही ट्विटर के जरिए समस्या का समाधान हो जाता है,पहली बार भ्रष्टाचारी नेता जेल भेजे जाने लगे हैं इत्यादि-इत्यादि?
मित्रों,इतिहास गवाह है कि भारत में ऐसे सैकड़ों महान व्यक्ति हो चुके हैं जो मैट्रिक तक पास नहीं थे.आज कबीर,निराला और जयशंकर प्रसाद को कौन नहीं जानता?राजकपूर से बड़ा कोई फ़िल्मकार हुआ भी है क्या?कहने का तात्पर्य यह है कि मोदी और उनके मंत्रियों की डिग्रियों के पीछे वही लोग पड़े हुए हैं जिनका काम ही सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना है और प्रत्येक स्थिति में आलोचना करनी है.खुद तो आलोचक जी आई.आई.टी. से जिंदल की कृपा से पढ़े हैं शायद इसलिए उन्होंने अब तक दिल्ली में ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे साबित होता हो कि उनको दिल्ली की जनता और जनता की भलाई से कोई मतलब भी है.जबसे ये सत्ता में आए हैं कभी औड तो कभी इवेन के चक्कर में जनता को उलझाए रखा है.जहाँ ये लोग करना थोडा और ढिंढोरा बहुत का करने में लगे हैं वहीं मोदी सरकार चुपचाप काम करने में लगी है.अब उसका काम धरातल पर दिखने भी लगा है और भारत की जनता अंधी तो बिल्कुल भी नहीं है.जनता देख रही है कि कौन दिन-रात बिना छुट्टी लिए देश के लिए काम कर रहा है और कौन बिना विभाग का मुख्यमंत्री बनकर फिल्मों की समीक्षा लिख रहा है,स्वीटजरलैंड में छुट्टियाँ मना रहा है और रायता फैला रहा है.

रविवार, 1 मई 2016

भगवा आतंकवाद गढ़नेवालों को मिले मृत्युदंड

हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह।मित्रों,हमारी आशंका ५ साल बाद सही साबित हुई है। हमने ५ साल पहले २ जनवरी,२०११ को जब तत्कालीन केंद्र सरकार और कांग्रेस पार्टी जबरदस्ती भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने और शब्द को सही साबित करने के लिए झूठी अफवाह फैला रही थी,कई निर्दोष हिन्दू नेताओं और सन्यासियों को प्रताड़ित कर रही थी तब अपने आलेख

हिन्दू आतंकवाद सच्चाई कम साजिश ज्यादा

में

कहा था कि कोई गोब्यल्स चाहे कितनी ही बार इस शब्द और इससे जोड़ी जानेवाली अंतर्कथा को क्यों न दोहराए मैं नहीं मानूंगा कि भारत में कोई भगवा आतंकवाद जैसी चीज अस्तित्व में भी है।
मित्रों,सौभाग्यवश आज यह दिवार पर लिखी ईबारत की तरह साफ हो चुका है कि कांग्रेस ने जान-बूझकर पहले इस विरोधाभासी शब्द को गढ़ा और फिर उसको सही साबित करने की साजिश रची।खुलासे तो यह भी बता रहे हैं कि दुनिया के सबसे सहिष्णु धर्म हिन्दू को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने पाकिस्तान और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की भी मदद ली।संकेत तो ऐसे भी हैं कि हिंदुस्तान के १ अरब से भी ज्यादा हिन्दुओं को बदमान करने और नीचा दिखाने की यह अति घिनौनी साजिश १० जनपथ में रची गयी।
मित्रों,बहुत जल्द इस साजिश में कारण बेवजह जेल में अपने जीवन के बहुमूल्य सालों को गुजारने को मजबूर किए गए लोग बाहर भी आ जाएंगे लेकिन क्या इसके साथ ही इस मामले का पटाक्षेप हो जाएगा या हो जाना चाहिए? मेरी मानें तो कदापि नहीं! आखिर यह १ अरब लोगों की मानहानि का सवाल है जिनको एक ऐसे संप्रदाय के साथ एक ही तराजू पर तोलने की कोशिश की गयी जिनसे आज पूरी दुनिया परेशान है।
मित्रों,सवाल उठता है कि हम हिन्दुओं की ईज्जत और जज्बात के साथ छेड़छाड़ करनेवालों को क्या दंड मिलना चाहिए।मेरे हिसाब से तो उनको सीधे मृत्युदंड मिलना चाहिए।हो सके तो इसके लिए संविधान और कानून में बदलाव किया जाए।अगर ऐसा करना किसी भी तरीके से संभव न हो तो उनको कानूनन जितनी अधिकतम सजा मिल सकती है मिलनी चाहिए।उनमें से कोई भी बचना नहीं चाहिए जिससे उनको और उनकी तरह देशविरोधी सोंच रखनेवाले शरारती तत्त्वों को एक सबक मिल सके और वे भविष्य में इस तरह की शरारत न कर सकें।साथ ही इस बात की भी गहराई से जाँच करवाई जाए कि अभी भी देश में ऐसे कौन-से लोग हैं जो भारत विरोधी सीमापार और सुदूर की शक्तियों के इशारे पर नागिन डांस कर रहे हैं।