मित्रों, पिछले तीन दिन भारतीय उपमहाद्वीप और पूरी दुनिया के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं. इन तीन दिनों में भारत और दुनिया को जो देखने का सुअवसर मिला उसके बारे में आज से ५ साल पहले कोई सोंच भी नहीं सकता था. भारत ने परसों पाकिस्तान के ८० किलोमीटर भीतर तक स्थित आतंकी ठिकानों को न सिर्फ एयर स्ट्राइक करके उड़ा दिया बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष उसकी घोषणा भी की और पापिस्तान पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता रह गया. कल पापिस्तान ने जब भारत के सैन्य ठिकानों पर जवाबी एयर स्ट्राइक करने की कोशिश की तो भारत ने तकनीकी रूप से ६० साल पीछे के विमानों के द्वारा पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ १६ विमान को मार गिराया. दुर्भाग्यवश जिस जाबांज वायुसैनिक ने यह असंभव कारनामा कर दिखाया खुद उसके विमान में भी आग लग गई क्योंकि मिग विमान एयर क्रैश के लिए ही जाना जाता है और उसे पापिस्तान में उतरना पड़ा. हद तो यह हुई कि पापिस्तान की पापी जनता ने अपने ही पायलट की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
मित्रों, इसके बाद पापिस्तान ने सोंचा कि वायुसैनिक अभिनन्दन को ढाल बनाकर वो मोदी सरकार को उसी तरह से ब्लैक मेल कर लेगा जैसे १९९९ में कंधार विमान अपहरण के समय वाजपेयी सरकार को किया था. लेकिन मोदी जी की सरकार ने दहाड़ते हुए कहा कि हमारे सैनिक को बिना शर्त अविलम्ब रिहा कर वर्ना गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रह. यह अपार हर्ष का विषय है कि पापिस्तान कल अभिनन्दन को बिना शर्त रिहा करने जा रहा है.
मित्रों, इससे पहले जब बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को भारतीय वायुसैनिकों ने उड़ा दिया तब पापिस्तान की हालत देखने लायक थी. पापिस्तान न तो यह कह सकता था कि भारत ने उसके नागरिकों को मारा है और न ही यह कह सकता था कि नहीं मारा है. अंत में उसने यह कहना शुरू कर दिया कि भारत ने खाली स्थानों पर बम गिराया है मगर उसकी पोल खुद बालाकोट के निवासियों ने ही खोल दी यह कहकर कि ऊपर पहाड़ पर स्थित मदरसे पर बम गिरा है मगर पापिस्तान की सेना उस तरफ किसी को जाने नहीं दे रही. पापिस्तान ने यह बार-बार कहा कि वो पूरी दुनिया की मीडिया को उस स्थान पर ले जाएगी जहाँ भारत ने बम गिराए हैं लेकिन उसने अब तक भी ऐसा नहीं किया है. इस बीच गुप्त सूत्रों से सूचना मिल रही है कि पापिस्तान मारे गए आतंकवादियों के शवों को ठिकाने लगाने में जुटा हुआ है.
मित्रों, कुल मिलाकर मोदी पापिस्तान को मार भी रहे हैं और हद तो यह है कि रोने भी नहीं दे रहे. यह नया भारत है न कि मनमोहन का २००८ का भारत जब वायुसेना सरकार से एयर स्ट्राइक की अनुमति मांगती रह गई और सरकार ने अनुमति नहीं दी. आज का भारतीय नेतृत्व न सिर्फ पापिस्तान बल्कि चीन से भी आँखों में आँखें डालकर बातें करता है डरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता.
मित्रों, वास्तव में भारत की सेना कभी कमजोर थी ही नहीं १९६२ में भी नहीं जब चीन के हाथों भारत को हार का सामना करना पड़ा था तब भी नहीं बल्कि कमजोर था तो हमारा नेतृत्व. यह हमारा सौभाग्य है कि आज भारत का जितना वैश्विक रूतबा है पहले कभी नहीं था. इतिहास के पन्नों को अगर हम पलट कर देखें तो १९६९ में इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में से भारत के प्रतिनिधियों को बैठक स्थल से वापस लौटा दिया गया था क्योंकि पापिस्तान ने बैठक के बहिष्कार की धमकी दी थी और कल उसी इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में भारत पहली बार गेस्ट ऑफ़ ऑनर बनने जा रहा है. पापिस्तान एक बार फिर से बहिष्कार की धमकी दे रहा लेकिन उसकी तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा.
मित्रों, तत्काल यह प्रसंग नरकेसरी अभिनन्दन की रिहाई के बावजूद मुझे नहीं लगता कि समाप्त होने है क्योंकि नया भारत तब तक अपने बढ़ते कदम को नहीं रोकेगा जब तक पापिस्तान की धरती से आतंकवाद को जड़-मूल से समाप्त नहीं कर दिया जाता और मसूद, सईद जैसे आतंकी सरगनाओं को भारत के हवाले नहीं कर दिया जाता. पापिस्तान को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि भारत की दुश्मनी पापिस्तान के साथ नहीं है, बिलकुल नहीं है बल्कि उसकी दुश्मनी सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद से है. हालाँकि इस बीच भारत ने पिछले ३ दिनों में विश्व समुदाय को यह जरूर बता दिया है कि भविष्य में विश्व का नेतृत्व कोई और देश नहीं बल्कि हमारा भारत करेगा. सूरज हमेशा पूरब से उगता है और इस बार भी दुनिया को अपनी धमक और चमक से चकाचौंध कर देनेवाला सूरज पूरब से उदित हो रहा है और उसका नाम है भारत. अंत में भारत की जय, भारत की सेना की जय और भारत के उस तेजस्वी नेतृत्व की जय जिसके सिर पर फिलहाल भारत के मान-सम्मान की पगड़ी गर्व से सुशोभित हो रही है. भारतमाता के वीरपुत्र अभिनन्दन के साथ-साथ पूरे भारत का अभिनन्दन.