सोमवार, 9 अक्तूबर 2023
ये कैसा मजहब है भाई
मित्रों, पिछले दिनों दुनिया में दो तरह की प्रगति देखने को मिली है। एक तरफ हिंदुत्व ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया को तू वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। पूरी दुनिया ने विश्व शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को न सिर्फ महसूस किया बल्कि हिंदुत्व द्वारा किए गये अतिथि सत्कार से अभिभूत भी दिखी। हिंदुत्व सदियों से सह अस्तित्व की भावना का पालन करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा इस बात से पूरी दुनिया जी २० की बैठक के दौरान आश्वस्त दिखी।
मित्रों, दूसरी तरफ मुसलमानों ने अभी- अभी इस्राएल पर जिस तरह हमला किया है उसे देखकर पूरी मानवता का सिर शर्म से झुक गया है। अल्ला हू अकबर के नारों के साथ महिलाओं के नग्न शवों की परेड निकाली गई, ५ साल के बच्चे का सिर काट कर उसे हाथ में लेकर नृत्य किया गया, सैंकड़ों यहूदियों का अपहरण कर लिया गया, महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किए गये और वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वे काफिर थे, गैर-मुसलमान थे।
मित्रों, हिंदुत्व तो सैंकड़ों सालों से इस्लाम का यह रूप देखता आ रहा है। सिंध पर अरबों के ७१० ई के आक्रमण के समय से ही भारत में करोड़ों निर्दोष हिंदुओं को मुसलमानों ने मारा, लाखों हिंदू महिलाओं को बंदी बनाया और १-२ दीनार में मध्य पूर्व में ले जाकर बेच दिया। दुनिया को यह समझना होगा कि इस्लाम धर्म नहीं अधर्म है, मानवता के नाम पर एक कलंक है, मानवता का दुश्मन है। दुनिया को यह समझना होगा कि सारे फ़साद और सारी जिहादी क्रूरता की जड़ कुरान की उन २६ आयतो़ में है जिनको पुस्तक से हटाने के लिए रिजवी साहब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मित्रों, अब जबकि यहूदियों ने बदले की कार्रवाई शुरू की है पूरी दुनिया के मुसलमान खुद को पीड़ित बताकर शांतिपाठ शुरू करनेवाले हैं। वो चाहते हैं कि सिर्फ गोधरा ट्रेन कांड हो उसकी प्रतिक्रिया नहीं हो, वो चाहते हैं सिर्फ हमास हिंसा करे यहूदी प्रतिहिंसा न करें। इसलिए सावधान रहें, सचेत रहें, सतर्क रहें। मुसलमानों से सावधान क्योंकि उनके पास है कुरान और वे कभी भी भारत को भी बना सकते हैं श्मशान।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)