कुछ लोग कहते हैं कि नाम में क्या रखा है;जो चाहे कह लो लेकिन वास्तविकता यह है नहीं.आप लंगड़े को लंगड़ा,अंधे को अँधा यहाँ तक कि गदहे को गदहा नहीं कह सकते.हुआ यूं कि एक बार कोई धोबी अपने गदहे पर कपड़ा लादकर नदी किनारे धोने पहुंचा.कपड़े को धोने के बाद नदी किनारे की जमीन पर सूखने के लिए डाल दिया और बीड़ी-खैनी खाते-पीते हुए,आपस में बतियाते हुए सुस्ताने लगा और छोड़ दिया गदहे को घास चरने और धूल में लोटने के लिए.तभी गर्दभराज को न जाने क्या दूर की सूझी?लगे सूखने के लिए डाले गए कपड़ों पर उधम मचाने.धोबी की आदत थी कि वो हर किसी को जिसमें आदमी से लेकर पशु तक शामिल थे;जीवन के अतिभावुकतापूर्ण क्षणों में गदहा कहा करता था सो कह बैठा गदहे को गदहा.फिर अचानक ख्याल आया कि दोपाया और अन्य चौपाया जानवरों को तो मैं नीचा दिखाने के लिए गदहा कह दिया करता हूँ.इस गदहे को गदहा कहने का क्या लाभ?यह तो पहले से ही गदहा है इसलिए उसने गदहे को दोनों हाथ जोड़कर संबोधित करते हुए विनीत शब्दों में कहा कि आप तो आप हैं आपको क्या कहें?
मित्रों,हमारे देश की विश्व-विजयी क्रिकेट टीम अभी इंग्लॅण्ड के दौरे पर थी और वहां से किसी भी संस्करण में बिना कोई भी मैच जीते मुंह उठाए वापस लौटी है.गजब का खेल दिखाकर लौटे हैं हमारे रणबांकुरे!बांसों नहीं कुतुबमीनार से भी ऊंचा उछल रहा है हमारा दिल इनके शानदार प्रदर्शन को देखकर!!क्या बॉलिंग थी,वाह क्या बैटिंग थी और फील्डिंग का तो नाम ही मत लीजिए.इनकी अप्रतिम और अनुपमेय फील्डिंग कला की प्रशंसा में जब भारतीय मूल के इंग्लैण्ड के पूर्व टेस्ट कप्तान नासिर हुसैन ने इन्हें गदहा कह दिया तब बी.सी.सी.आई. समेत पूरा भारतीय क्रिकेट-जगत नाराज हो गया.मैंने पूर्व की पंक्तियों में कहा था न कि जो जो है उसे वह कहके नहीं पुकारा जा सकता.अगर भारतीय खिलाड़ी गदहे नहीं हैं तो इस हिसाब से हम नासिर की गलती मान भी सकते हैं.उन्हें इन खिलाडियों को कुछ और कहना चाहिए था.चाहे तो बन्दर या कुछ और.
मित्रों,टीम इंडिया को कई बार लोग घर का शेर भी कह लेते हैं.अपने घर में जैसे कुत्ता भी शेर होता है उसी तरह प्रत्येक क्रिकेट टीम अपने देसी मैदानों पर शेर होती है.वाह-वाही तो तब होनी चाहिए जब वो विदेशी मैदानों पर भी मैदान मार ले.तेज और घंसियाली पिच को देखते ही धूल भरी पिचों की बादशाह हमारी टीम इण्डिया को जाने क्यों सांप सूंघ गया.इंग्लैण्ड की धरती पर उतरते ही शेर दहाड़ना भूल गए और लगे गदहे की तरह धूल में लोटने.एक जहीर खान घायल क्या हुआ हमारे बॉलर बॉलिंग करना ही भूल गए.भारतीय ओपनर गौतम गंभीर को तो इंग्लैण्ड में दिखना ही बंद हो गया और नई बीमारी साथ में लिए बेचारे बीच मंझधार में ही डूबती नाव से उतर लिए.बाँकी के बचे बल्लेबाजों में से भी कुछ ही गेंद को देख सके बाँकी तो अंदाजन बल्ला घुमाते रहे और तू चल मैं आया वाला क्रम लगातार लगा रहा.अमा मियाँ क्या इसी दम पर विश्वविजेता बने थे?गए तो थे सिकंदर बनकर और लौटे हो बन्दर बनकर.अब किस चीज का हार पहनकर तुम्हारा स्वागत करूँ;तुम खुद ही बता दो?साथ में यह भी बता दो कि आपको क्या कहकर संबोधित करूँ?नासिर का संबोधन तो आपलोगों को जमा नहीं.
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