हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,मैंने करीब दो साल पहले एक आलेख लिखा था 'मेरी सरकार खो गई है हुजूर'। वह आलेख भी बिहार और बिहार की कथित सरकार के बारे में था। तब से लेकर आज तक मुझे बिहार में सरकार की तलाश थी जो अब समाप्त हो गई है। क्योंकि उसकी जगह राज्य में अब नई सरकार आ गई है-अपराधियों की सरकार। इस सरकार में न तो कोई कोर्ट है,न ही कोई सुनवाई होती है,फैसला ऑन द स्पॉट,फटाफट।
मित्रों,दीगर अहवाल यह है कि जबसे बिहार में नई सरकार का गठन हुआ है बिहार में अपराधियों की तो जैसे बहार ही आ गई है और बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों कौआ टरटराता है और धान सूखता रहता है नामक अतिप्रसिद्ध बिहारी कहावत को चरितार्थ करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री जी लगभग रोजाना पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था को लेकर मीटिंग कर रहे हैं और रोजाना बिहार की स्थिति और भी बुरी से बुरी होती जा रही है। अब यह भी लगने लगा है कि या तो मुख्यमंत्री सिर्फ दिखावे के लिए मीटिंग करते हैं या फिर इतने कमजोर हो गए हैं कि दारोगा तक पर भी उनकी डाँट-फटकार का कोई प्रभाव नहीं हो रहा। मगर सवाल उठता है कि नीतीश कुमार जी ऐसा क्यों कर रहे हैं या बिहार में ऐसा क्यों हो रहा है?
मित्रों,अभी भी बृजनाथी के हत्यारों का कोई अता-पता नहीं है। सत्तारूढ़ दल का कोई विधायक लड़की का अपहरण कर रहा है तो कोई ट्रेन में छेड़खानी तो कोई 30000 रू. में अपनी सबसे छोटी संतान से भी छोटी लड़की खरीदकर रातभर पोर्न वीडियो देख-देखकर बलात्कार कर रहा है। इधर,नीतीश कुमार जी जाहिर तौर पर तो राज्य में कानून का राज होने की माला जप रहे हैं लेकिन हो यह रहा है कि बारी-बारी से उन सभी बिगड़ैल विधायकों से संबंधित मामलों की लीपा-पोती कर दी जा रही है। पहले सिद्धार्थ,फिर सरफराज और अब राजवल्लभ। लगता है जैसे पुलिस और सरकार का एकमात्र कार्य सत्तारूढ़ दल के अपराधी विधायकों की सेवा करना है। कानून के रखवाले कानून तोड़नेवालों को ही कानून के शिकंजे से बचाने में लगे हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी का हमेशा की तरह मानना,कहना यही है कि राज्य में कानून का राज था, है और रहेगा। नीतीश कहते हैं कि बलात्कारी राजवल्लभ यादव को स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलवाई जाएगी लेकिन उनकी सरकार राजवल्लभ को पकड़ती ही नहीं है या पकड़ ही नहीं पाती है फिर कैसे चलेगा स्पीडी ट्रायल?
मित्रों,नीतीश जी चाहे जितनी भी गलथेथरी (कुतर्क देना) करते रहें वास्तविकता तो यही है कि राज्य में इन दिनों अगर सबसे ज्यादा कोई लाचार है तो वह यह बेचारा कानून-व्यवस्था ही है। रोज ही राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ छेड़खानी हो रही है,अपहरण हो रहा है,हत्या हो रही है और बलात्कार हो रहा है और करनेवाले कोई और नहीं बल्कि नीतीश कुमार के समर्थक विधायक ही है। बिहार इन दिनों जंगलराज एक बार फिर से जंगलराज की चपेट में है। एक बार फिर से बिहार में कानून का नहीं बल्कि राजवल्लभों का राज है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें