शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022

राघोपुर के स्कूलों की सुध लीजिए तेजस्वी जी

मित्रों, पिछले साल जब मैं अपने चाचा के श्राद्ध में अपने गाँव जुड़ावनपुर बरारी गया था तब मेरे गाँव के एक बुजुर्ग में मुझसे शिकायत की थी कि बेटा गाँव के बच्चे बर्बाद हो रहे हैं क्योंकि गाँव के स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती इस पर ध्यान दो. वापस आते ही मैंने इसी ब्लॉग ब्रज की दुनिया पर एक आलेख लिखा तेजस्वी सो रहे हैं कृपया हॉर्न न बजाएँ . मुझे लगा कि हमारे विधायक परम आदरणीय तेजस्वी प्रसाद यादव जी इस आलेख को पढ़कर जाग जाएंगे क्योंकि सोने के लिए प्रसिद्ध कुम्भकर्ण भी ६ महीने बाद ही सही जागता तो था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जब बिहार के भाग्य पर कुंडली मारकर बैठे नीतीश जी से उनके ही गाँव में सोनू नामक बच्चे ने स्कूल में मास्टर के नहीं आने और पढ़ाई नहीं होने की शिकायत की तब कुछ दिनों के लिए राघोपुर के मास्टरों और मास्टरनियों को जरूर मन मारकर रोज स्कूल आना पड़ा. उनको निर्देश दिया गया कि रोजाना स्कूल से सेल्फी लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भेजना है. लेकिन जैसे ही चकौसन स्थित पीपा पुल खुला फिर से स्थिति पहले जैसी हो गई. जी हाँ मैं तेजस्वी यादव जी जो वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के दियारा इलाके की बात कर रहा हूँ. एक बार फिर से चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात वाली कहावत राघोपुर दियारा के स्कूलों में चरितार्थ होने लगी. मित्रों, जब इन दिनों बिहार में लोकतंत्र की मलाई खा रहे बिहार सरकार में शामिल राजाओं ने स्वतः संज्ञान नहीं लिया तब मैंने २५ सितम्बर, २००२ को माननीय मुख्यमंत्री, बिहार को संबोधित करते हुए एक ई मेल मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और तेजस्वी जी को भेजा लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. मित्रों, मानव जीवन में शिक्षा का क्या स्थान है इससे आपलोग भी परिचित होंगे. यूनानी दार्शनिक डायोजनीज ने कहा था कि हर देश की नींव उसके युवाओं की शिक्षा है। वही गिल्बर्ट के चेस्टर्टन का मानना था कि शिक्षा समाज की आत्मा है क्योंकि यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती है। प्रसिद्ध शिक्षाविद जॉन डूई ने कहा है कि शिक्षा जीवन के लिए तैयारी नहीं है; शिक्षा ही जीवन है। एलम ब्लूम का कहना था कि शिक्षा अंधकार से प्रकाश की ओर चलना है। तो वहीँ इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन डिसरायली ने कहा था कि एक देश के लोगों की शिक्षा पर उस देश का भाग्य निर्भर करता है। तो वहीँ डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने कहा था कि हमें शिक्षा के प्रसार को उतना ही महत्व देना चाहिए जितना कि हम राजनीतिक आंदोलन को महत्व देते हैं। किसी भी समाज का उत्थान उस समाज में शिक्षा की प्रगति पर निर्भर करता है. मित्रों, बिडम्बना यह है कि जो नेता दिन-रात बाबा साहेब अम्बेडकर जी का नाम जपते हैं वो भी शिक्षा के महत्व को नजरंदाज कर रहे हैं जबकि राघोपुर समेत पूरे बिहार की शिक्षा भ्रष्टाचार के कारण ध्वस्त हो चुकी है. पीढ़ी-दर-पीढ़ी भारत का सबसे पिछड़ा और बर्बाद राज्य और भी बर्बाद हो रहा है लेकिन यहाँ के सियासतदानों को जैसे इससे कोई मतलब ही नहीं है. मैं हमारे विधायक तेजस्वी जी से पूछना चाहता हूँ कि आप राजधानी पटना के अस्पतालों का तो लगातार औचक निरीक्षण कर रहे हैं. अच्छा कदम है हम आपकी सराहना करते हैं लेकिन पूछना चाहते हैं कि पटना से कुछेक किलोमीटर दूर राघोपुर दियारा के स्कूलों का आप कब औचक निरीक्षण करने वाले हैं. इसके लिए आप सरकारी हेलीकॉप्टर का उपयोग कर सकते हैं ठीक वैसे ही जैसे के जे राव साहब ने २००५ के बिहार विधानसभा चुनावों में किया था. विशेष रूप से जुड़ावनपुर बरारी, जुड़ावनपुर करारी और रामपुर करारी बरारी के उच्च और मध्य विद्यालय आपका इंतजार कर रहे हैं. माना कि आपको कम पढ़ा-लिखा होने पर भी सबकुछ मिल गया लेकिन राघोपुर प्रखंड के गरीबों के बच्चों से साथ तो ऐसा होने से रहा. उनको तो अच्छी शिक्षा मिलेगी तभी वे जीवन में सफलता प्राप्त कर पाएँगे जैसे कभी बाबासाहेब अम्बेडकर ने प्राप्त की थी.

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