हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,मैं पहले भी दुनिया के सबसे बड़े हवाबाज और वादावीर नेता हैं नीतीश, नीतीश कुमार हैं फेंकू नंबर वन, कौन कहता है बिहार बीमारू राज्य नहीं है?
आदि आलेखों के माध्यम से कई बार तथ्य देकर साबित कर चुका हूँ कि बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बिहार ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े हवाबाज नेता
हैं। बिहार की जनता गवाह है कि नीतीश कुमार शिलान्यास करने में बहादुर हैं
लेकिन उद्घाटन के मामले में उनका रिकार्ड काफी खराब है। यह आनेवाले सालों
में बिहार के राजनीति विज्ञान के छात्र-छात्राओं के लिए शोध का विषय होगा
कि नीतीश कुमार जी द्वारा जिन कार्यों का शिलान्यास किया गया उनमें से
कितने प्रतिशत उद्घाटन तक पहुँचे और कितनों ने बीच में ही दम तोड़ दिया या
फिर कितने प्रतिशत के शिलापट्ट जनता ने कितने महीनों के बाद उखाड़कर फेंक
दिया।
मित्रों,अगर हम कुछ दिन पहले आए नीतीश कुमार जी के घोषणापत्र पर नजर डालें तो पाते हैं उन्होंने वादा किया है कि वे बिहार के हर घर तक नल से पानी की व्यवस्था करेंगे। अगर इस मामले में बिहार की वर्तमान स्थिति और नीतीश सरकार के पिछले 10 सालों के काम पर निगाह डालें तो पाते हैं कि यह वादा ही घनघोर हास्यास्पद है। अभी तक तो सरकार हर घर तक चापाकल की ही व्यवस्था नहीं कर पाई है फिर अगले पाँच साल में हर घर तक नल के पानी का इंतजाम कैसे कर देगी? फिर बिहार के बहुत से शहरों और गांवों में भाजपा कोटे से मंत्री रहे चंद्रमोहन राय ने जलमीनारों का निर्माण करवाया था लेकिन सच्चाई यह है कि उनमें से 99.99% टंकी हाथी के दाँत बनकर रह गईं हैं। चाहे कारण जो भी हो उनसे जलापूर्ति नहीं की जा रही है तो क्या इसी सुशासनी मॉडल से नीतीश कुमार जी बिहार की जनता को नल के पानी से नहला कर निहाल कर देनेवाले हैं?
मित्रों,इसी तरह नीतीश कुमार जी अगले 5 सालों में बिहार के हर घर को शौचालय और बिजली उपलब्ध करवाने के वादे भी कर रहे हैं। श्रीमान् जी क्या ये दोनों काम कभी पूरे होंगे भी या फिर हर चुनाव में अपनी आदत के अनुसार आप अगले पाँच सालों में इनको पूरा करने के वादे करते रहेंगे? इसी तरह नीतीश कुमार जी हर गांव,हर शहर और हर घर को पक्की सड़कों और पक्की नालियों से जोड़ने का वादा किया है। सच्चाई तो यह है कि पिछले दस सालों में नीतीश कुमार जी की सरकार ने बिहार में जितनी सड़कें बनवाई थीं उनमें से कम-से-कम आधी टूट-फूट चुकी हैं और फिर से गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे की लालू-राबड़ी कालीन कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। जहाँ तक पक्की नालियों के निर्माण और जलनिकासी की व्यवस्था का सवाल है तो वास्तविकता तो यह है कि हल्की-सी बारिश में आज भी राजधानी पटना पानी-पानी हो जाता है। जब पिछले 10 सालों में पटना शहर में ही जलनिकासी का इंतजाम नहीं हो पाया तो फिर पूरे बिहार के हर घर से जलनिकासी के वादे करना क्या पूरी तरह से बेमानी नहीं है? हाजीपुर शहर में ट्राइटेक नाम की कंपनी इन दिनों नालियों के निर्माण का काम कर रही है। उसकी अवधारणा है कि 6 ईंच व्यास वाले पाइपों से भी पॉलिथीन,कचरे से युक्त पानी अबाध रूप से बह सकेगी। बार-बार कंपनी अतिरिक्त समय की मांग करती जा रही है और काम कछुआ गति से पूरा किया जा रहा है।
मित्रों,कहने का तात्पर्य यह है कि नीतीश जी को पता होना चाहिए कि सिर्फ काम होना ही काफी नहीं होता बल्कि उससे कहीं ज्यादा जरूरी होता है उसका गुणवत्तापूर्ण होना। साथ ही सिर्फ वादे कर देने से या शिलान्यास कर देने से काम पूरा नहीं हो जाता बल्कि उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। बेहतर यही होगा कि नीतीश कुमार जी मान लें कि पिछले 10 सालों में वे काम कर पाने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और हार मान लें क्योंकि हवाबाजी और मीडिया-मैनेजमेंट के जरिए वे बिहार के बाहर के लोगों की आँखों में धूल झोंक सकते हैं न कि बिहार के लोगों को धोखा दे सकते हैं जो उनके द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने से परेशान और आक्रोशित हैं।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
मित्रों,अगर हम कुछ दिन पहले आए नीतीश कुमार जी के घोषणापत्र पर नजर डालें तो पाते हैं उन्होंने वादा किया है कि वे बिहार के हर घर तक नल से पानी की व्यवस्था करेंगे। अगर इस मामले में बिहार की वर्तमान स्थिति और नीतीश सरकार के पिछले 10 सालों के काम पर निगाह डालें तो पाते हैं कि यह वादा ही घनघोर हास्यास्पद है। अभी तक तो सरकार हर घर तक चापाकल की ही व्यवस्था नहीं कर पाई है फिर अगले पाँच साल में हर घर तक नल के पानी का इंतजाम कैसे कर देगी? फिर बिहार के बहुत से शहरों और गांवों में भाजपा कोटे से मंत्री रहे चंद्रमोहन राय ने जलमीनारों का निर्माण करवाया था लेकिन सच्चाई यह है कि उनमें से 99.99% टंकी हाथी के दाँत बनकर रह गईं हैं। चाहे कारण जो भी हो उनसे जलापूर्ति नहीं की जा रही है तो क्या इसी सुशासनी मॉडल से नीतीश कुमार जी बिहार की जनता को नल के पानी से नहला कर निहाल कर देनेवाले हैं?
मित्रों,इसी तरह नीतीश कुमार जी अगले 5 सालों में बिहार के हर घर को शौचालय और बिजली उपलब्ध करवाने के वादे भी कर रहे हैं। श्रीमान् जी क्या ये दोनों काम कभी पूरे होंगे भी या फिर हर चुनाव में अपनी आदत के अनुसार आप अगले पाँच सालों में इनको पूरा करने के वादे करते रहेंगे? इसी तरह नीतीश कुमार जी हर गांव,हर शहर और हर घर को पक्की सड़कों और पक्की नालियों से जोड़ने का वादा किया है। सच्चाई तो यह है कि पिछले दस सालों में नीतीश कुमार जी की सरकार ने बिहार में जितनी सड़कें बनवाई थीं उनमें से कम-से-कम आधी टूट-फूट चुकी हैं और फिर से गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे की लालू-राबड़ी कालीन कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। जहाँ तक पक्की नालियों के निर्माण और जलनिकासी की व्यवस्था का सवाल है तो वास्तविकता तो यह है कि हल्की-सी बारिश में आज भी राजधानी पटना पानी-पानी हो जाता है। जब पिछले 10 सालों में पटना शहर में ही जलनिकासी का इंतजाम नहीं हो पाया तो फिर पूरे बिहार के हर घर से जलनिकासी के वादे करना क्या पूरी तरह से बेमानी नहीं है? हाजीपुर शहर में ट्राइटेक नाम की कंपनी इन दिनों नालियों के निर्माण का काम कर रही है। उसकी अवधारणा है कि 6 ईंच व्यास वाले पाइपों से भी पॉलिथीन,कचरे से युक्त पानी अबाध रूप से बह सकेगी। बार-बार कंपनी अतिरिक्त समय की मांग करती जा रही है और काम कछुआ गति से पूरा किया जा रहा है।
मित्रों,कहने का तात्पर्य यह है कि नीतीश जी को पता होना चाहिए कि सिर्फ काम होना ही काफी नहीं होता बल्कि उससे कहीं ज्यादा जरूरी होता है उसका गुणवत्तापूर्ण होना। साथ ही सिर्फ वादे कर देने से या शिलान्यास कर देने से काम पूरा नहीं हो जाता बल्कि उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। बेहतर यही होगा कि नीतीश कुमार जी मान लें कि पिछले 10 सालों में वे काम कर पाने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और हार मान लें क्योंकि हवाबाजी और मीडिया-मैनेजमेंट के जरिए वे बिहार के बाहर के लोगों की आँखों में धूल झोंक सकते हैं न कि बिहार के लोगों को धोखा दे सकते हैं जो उनके द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने से परेशान और आक्रोशित हैं।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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