मित्रों, जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है तभी से कई लोग हैं जिनका फुल टाईम जॉब मोदी जी का विरोध करना रह गया है। मोदी सरकार चाहे कितने भी अच्छे कदम क्यों न उठाए, उनके कदम से देश को कितना भी लाभ क्यों न हो ये बिना सोंचे-समझे उसका विरोध कर देंगे। दुर्भाग्यवश कई बार केंद्र सरकार दबाव में भी आ गई है और अचानक बढ़े कदम को पीछे खींच भी लिया है। जाहिर है कि ऐसी भ्रष्ट शक्तियों के लूट के धन पर जब सरकार हाथ डालेगी तो वे पूरे जी-जान से सरकार का विरोध करेंगे ही।
मित्रों, इन दिनों एक नीतीश कुमार माईनस शरद यादव को छोड़कर पूरा विपक्ष जिस तरह से एकजुट होकर चिल्ल-पों कर रहा है उसके पीछे और कोई कारण नहीं है। इन भ्रष्टाचारियों ने जो अपनी सात पुश्तों के मौज उड़ाने के लिए पैसे और संपत्ति जमा किए थे मोदी सरकार ने अचानक उनसे वह छीन लिया है। जब लुटेरों से लूट का धन छिनेगा तो वे खुश होंगे हम ऐसी उम्मीद कर भी कैसे सकते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि केजरी, राहुल, माया, मुलायम, ममता, शिवसेना, कम्युनिस्ट सबके-सब इस समय सारे काम छोड़कर नोट-परिवर्तन का विरोध करने में क्यों जुटे हुए हैं।
मित्रों, कई मीडिया-चैनल और अखबार भी दिन-रात नोट बदलने से उत्पन्न हुई अफरा-तफरी को चढ़ा-बढ़ा कर दिखाने में लगे हुए हैं जबकि वास्तविकता तो यह है कि इस समय जो महायज्ञ चल रहा है वो नोट-परिवर्तन के लिए है ही नहीं। नोट-परिवर्तन तो काफी छोटा काम है असली लक्ष्य तो देश-परिवर्तन का है और नोट-परिवर्तन उस दिशा में उठाया गया छोटा-सा लेकिन प्रभावी कदम है।
मित्रों, मोदी जी ने हमसे 50 दिन मांगे हैं और वादा किया है कि 50 दिनों के बाद नए भारत का जन्म होगा और हम यह भी जानते हैं कि मोदी सरकार का यह कदम पूरी तरह से देशहित में है। हम यह भी जानते हैं कि जन्म से पहले प्रसव-पीड़ा अवश्यंभावी होती है। कोई भी माँ तभी तक इस दर्द से परेशान रहती है जब तक कि बच्चे का जन्म न हो जाए। जैसे ही बच्चा जन्म ले लेता है और वो अपने बच्चे को पहली बार देखती है वैसे ही वो सारी पीड़ा को भूल जाती है। तब उसकी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहता।
मित्रों, ठीक यही स्थिति इस समय हम भारतवासियों की है। हम सब मिलकर सरकार के साथ कदम मिलाकर एक नए भारत को जन्म देने जा रहे हैं। जिस दिन हम देखेंगे कि भारत बदल गया है हम सारी प्रसव-पीड़ा को भूल जाएंगे और तब हमारी खुशियों का भी ठिकाना नहीं होगा। इसलिए हमें अपने मन में ठान लेना चाहिए कि जिन लोगों ने पिछले 70 सालों में हमारे देश-प्रदेश को लूटा है हम उनके बहकावे में हरगिज नहीं आएंगे चाहे वे भाजपाई ही क्यों न हों। अगर आपकी नजर में बैंकवाले लोगों के साथ मनमानी कर रहे हैं तो मामले को brajvaishali@gmail.com पर ई-मेल कर हमारे सामने लाईए। हम आपकी पीड़ा को अविलंब केंद्र सरकार तक पहुँचाएंगे। हमें महाराणा प्रताप की तरह घास की रोटी ही क्यों न खानी पड़े हम अपने देश को गरीबी की दुनिया से बाहर निकालकर विकास की दुनिया में ऩंबर एक बनाकर रहेंगे।
मित्रों, इन दिनों एक नीतीश कुमार माईनस शरद यादव को छोड़कर पूरा विपक्ष जिस तरह से एकजुट होकर चिल्ल-पों कर रहा है उसके पीछे और कोई कारण नहीं है। इन भ्रष्टाचारियों ने जो अपनी सात पुश्तों के मौज उड़ाने के लिए पैसे और संपत्ति जमा किए थे मोदी सरकार ने अचानक उनसे वह छीन लिया है। जब लुटेरों से लूट का धन छिनेगा तो वे खुश होंगे हम ऐसी उम्मीद कर भी कैसे सकते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि केजरी, राहुल, माया, मुलायम, ममता, शिवसेना, कम्युनिस्ट सबके-सब इस समय सारे काम छोड़कर नोट-परिवर्तन का विरोध करने में क्यों जुटे हुए हैं।
मित्रों, कई मीडिया-चैनल और अखबार भी दिन-रात नोट बदलने से उत्पन्न हुई अफरा-तफरी को चढ़ा-बढ़ा कर दिखाने में लगे हुए हैं जबकि वास्तविकता तो यह है कि इस समय जो महायज्ञ चल रहा है वो नोट-परिवर्तन के लिए है ही नहीं। नोट-परिवर्तन तो काफी छोटा काम है असली लक्ष्य तो देश-परिवर्तन का है और नोट-परिवर्तन उस दिशा में उठाया गया छोटा-सा लेकिन प्रभावी कदम है।
मित्रों, मोदी जी ने हमसे 50 दिन मांगे हैं और वादा किया है कि 50 दिनों के बाद नए भारत का जन्म होगा और हम यह भी जानते हैं कि मोदी सरकार का यह कदम पूरी तरह से देशहित में है। हम यह भी जानते हैं कि जन्म से पहले प्रसव-पीड़ा अवश्यंभावी होती है। कोई भी माँ तभी तक इस दर्द से परेशान रहती है जब तक कि बच्चे का जन्म न हो जाए। जैसे ही बच्चा जन्म ले लेता है और वो अपने बच्चे को पहली बार देखती है वैसे ही वो सारी पीड़ा को भूल जाती है। तब उसकी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहता।
मित्रों, ठीक यही स्थिति इस समय हम भारतवासियों की है। हम सब मिलकर सरकार के साथ कदम मिलाकर एक नए भारत को जन्म देने जा रहे हैं। जिस दिन हम देखेंगे कि भारत बदल गया है हम सारी प्रसव-पीड़ा को भूल जाएंगे और तब हमारी खुशियों का भी ठिकाना नहीं होगा। इसलिए हमें अपने मन में ठान लेना चाहिए कि जिन लोगों ने पिछले 70 सालों में हमारे देश-प्रदेश को लूटा है हम उनके बहकावे में हरगिज नहीं आएंगे चाहे वे भाजपाई ही क्यों न हों। अगर आपकी नजर में बैंकवाले लोगों के साथ मनमानी कर रहे हैं तो मामले को brajvaishali@gmail.com पर ई-मेल कर हमारे सामने लाईए। हम आपकी पीड़ा को अविलंब केंद्र सरकार तक पहुँचाएंगे। हमें महाराणा प्रताप की तरह घास की रोटी ही क्यों न खानी पड़े हम अपने देश को गरीबी की दुनिया से बाहर निकालकर विकास की दुनिया में ऩंबर एक बनाकर रहेंगे।
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