शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

पिताजी तुमने मुझे धोखा दिया है

पिताजी मैं जानता हूँ कि तुम अब नहीं हो, कहीं नहीं हो. पिताजी मैं जानता हूँ कि तुम अब न तो देख सकते हो, न सुन सकते हो और न ही बोल सकते हो. क्योंकि तुम जा चुके हो, फिर भी मैं तुमसे तुम्हारी एक शिकायत करना चाहता हूँ कि तुमने मुझे धोखा दिया है, ऐसा धोखा किसी भी पिता ने आज तक अपने किसी भी पुत्र को नहीं दिया होगा, तुमने १ जनवरी की अहले सुबह मुझे हैप्पी न्यू ईयर कहा था फिर तुम मुझे अनहैप्पी करके कैसे जा सकते हो? तुम मेरे बिना रह सकते थे, रह भी लेते थे लेकिन मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता यह तुमको भी पता था, फिर तुम मझे छोड़कर कैसे जा सकते हो? तुम इतने निर्मम तो नहीं थे लोग तुमको आज भी महान कहते हैं फिर तुम मेरे प्रति निर्दय कैसे हो सकते हो? पिताजी पिछले २२ दिनों से मेरे कान बऊआ सुनने के लिए तरस रहे हैं, लगता है जैसे तुम अभी मुझे नीचे से आवाज लगाओगे बऊआ...... पिताजी मुझसे ऐसी कौन-सी गलती हुई कि तुम लौटकर न आने के लिए चले गए? मुझे याद है कि बचपन में जब भी तुम कहीं जाते थे मैं बेसब्री से तुम्हारा इंतजार करता था, क्योंकि मुझे पता था कि तुम लौटकर आओगे, इसी तरह जब दिवाली के दिन मेरा मोबाइल खो गया था, और मैं रोने लगा था, तब तुमने मुझे चुप करवाया था, पिताजी अब तुम खो गए हो और एकबार फिर से मैं रो रहा हूं पिताजी अब मुझे कौन चुप करवाएगा? पिताजी तुमने मुझे धोखा दिया है, सचमुच धोखा दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं: