शनिवार, 17 मई 2014

छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी

17-05-14,हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,आज का सूर्योदय आपने देखा होगा और पाया होगा कि आज भी सूरज पूरब से निकला है लेकिन वह सूरज झूठा है। आज के भारत का वास्तविक सूरज पूरब से नहीं सुदूर पश्चिम से उदित हुआ है। कल तक हम जब पुराने सूरज की रोशनी में थे तो हमें लालची,नपुंसक,जातिवादी और संप्रदायवादी कहा जाता था लेकिन आज हमने उतार फेंका है इन आरोपों को और पूरी ताकत से उछाल दिया है दुनिया के आसमान में एक पत्थर जो हमें उम्मीद है कि नाकामी और मायूसी के बादलों को तितर-बितर करके रख देगा।

मित्रों,हमें नहीं चाहिए खैरात हमें तो काम चाहिए। आखिर हम दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र जो ठहरे। हमें नहीं चाहिए भीख की रोटी हमें तो ईज्जत की रोटी चाहिए। हमें नहीं चाहिए एक अंतहीन इंतजार कि अब हमारे राजनीतिज्ञ देश को बदलनेवाले हैं। कभी नेपोलियन ने अपने एक सेनापति से कहा था कि चेंज योर वाच अदरवाईज आई विल चेंज यू। लीजिए हमने अपना सेनापति बदल दिया क्योंकि हमारे लिए प्रतीक्षा अब असहनीय हो गई थी। जबकि कंप्यूटर के एक क्लिक से पलक झपकते ही बड़े-बड़े काम संपन्न हो जाते हैं हमारे राजनेता चुनाव-दर-चुनाव पुराने वादों पर ही अँटके थे।

मित्रों,हम भी चाहते हैं दुनिया के विकास की दौड़ में रेस लगाना और सबसे आगे निकलना। हमारा युवा रक्त कैसे बर्दाश्त करता कि चीन,पाकिस्तान जैसे पड़ोसी हमें आँखें दिखाए। हमारा युवा जोश कैसे सहता कि चीन की जीडीपी हमारी जी़डीपी की तीन गुना से भी ज्यादा हो गई है। हमारी इस्पाती नसें और हिमालय सरीखी दृढ़ता भला इस सत्य को कैसे स्वीकार करतीं कि भारत सरकार ठगों और भ्रष्टाचारियों का दुनिया में सबसे बड़ा जमावड़ा बन गई है। हमें तो वादे नहीं इरादे चाहिए थे इसलिए हमने इस बार बिल्कुल नए इरादे से मतदान किया और नए सिरे से लिख दिया भारतीय राजनीति की प्रस्तावना को। अब से हमारे जान से भी ज्यादा प्यारे भारत में सिर्फ-और-सिर्फ विकास चलेगा और विकास की ही राजनीति चलेगी। नहीं चलेगा जातिवाद और संप्रदायवाद के नाम पर ठगी सिर्फ सच्चा राष्ट्रवाद चलेगा। अब हमें याद नहीं रहा कि हमने किस जाति और संप्रदाय में जन्म लिया था हमें तो बस इतना ही याद है कि हम प्रथमतः और अंततः एक भारतीय हैं भारतीय आत्मा हैं।

मित्रों,हम न तो बहानेबाज हैं और न ही हमें बहानेबाज सरकार चाहिए। हम युवा हैं बहाने नहीं बनाते देश बनाते हैं,देश का वर्तमान और भविष्य बनाते हैं। हम नहीं जानते कि मजबूरी क्या होती है। हम इतना ही जानते हैं कि हमारे हाथों की गर्मी से मोटी-मोटी जंजीरें पिघल जाएंगी इसलिए हमने केंद्र की सरकार को भी मजबूत जनादेश दिया है। पूरी ताकत दी है कि तुम बनाओ नया भारत,लिखो नए युग की इबारत और हमें भी भागीदार बनाओ वास्तविक अतुल्य भारत के वास्तविक निर्माण में। हमने अपनी ऊंगली के जादू से सरकार को बदला है अब अपने फौलादी इरादे और मांसपेशियों से हम भारत को भय,भूख और भ्रष्टाचार से रहित विकसित राष्ट्र बनाएंगे।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)

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