मित्रों,मैंने पहले भी मुक्तिबोध की प्रसिद्ध कविता अंधेरे में से संदर्भ लेते हुए कहा है कि रात के अंधेरे में वे चेहरे भी बेनकाब हो गए हैं जो दिन के उजाले में छिपे हुए थे। कुछ ऐसी ही स्थिति इन दिनों देशद्रोहियों की है। मोदी सरकार के आने के बाद से ही उनके खौफनाफ उद्देश्यों और चेहरों का अनावृत्त होना अनवरत जारी है। इनमें से कुछेक को राष्ट्रवादी सरकार के समय देश में असहिष्णुता दिखाई देने लगती है तो कुछेक तो खुलकर हमारे चिरशत्रु पाकिस्तान के पाले में हो लिए हैं। कुछेक ऐसे भी हैं जिनको राक्षसी संस्कृति के उन्नायक आईएसआईएस का परोक्ष समर्थन करते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है।
मित्रों,महाभारत में आपने भी पढ़ा होगा कि जब पांडव वनवास पर थे तब उनको नीचा दिखाने के इरादे से दुर्योधन सदल-बल वनभोज के लिए गया और जानबूझकर पांडवों के आवास के आसपास ही शिविर लगाया। इसी दौरान उसका किरातों के साथ झगड़ा हो जाता है और किरात उसे बंदी बना लेते हैं। जब यह सूचना एक सैनिक धर्मराज युधिष्ठिर को देता है तब धर्मराज अपने अनुजद्वय भीम और अर्जुन को आदेश देते हैं कि जाकर दुर्योधन को मुक्त करवाओ। भीम और अर्जुन जब इसका विरोध करते हैं तो धर्मराज कहते हैं कि हमारे बीच जो आपसी विवाद हो लेकिन दुर्योधन हमारे परिवार का हिस्सा है। इसलिए जब भी बाहरी लोगों से संघर्ष की स्थिति बनती है हमें दुर्योधन का साथ देना चाहिए।
मित्रों,हम नहीं समझते कि जो लोग मोदी-विरोध के नाम पर भारत-विरोध पर उतारू हैं और देश के हितों को गंभीर क्षति पहुँचाने का महापाप कर रहे हैं वे महाभारत के इस प्रसंग से सर्वथा अनभिज्ञ होंगे। इसके उलट वे लोग कुछ ज्यादा ही पढ़े-लिखे हैं और उनमें से कई तो विदेशों में पढ़े हैं।
मित्रों,जो पाकिस्तान पत्थर फेंकने के लिए प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 500 रुपये खर्च कर सकता है वो क्या लगातार आत्मघाती गोल दाग रहे इन महाविद्वान देशद्रोहियों के ऊपर लाखों रुपये खर्च नहीं कर रहा होगा? हम तो सिर्फ इसके बारे में अनुमान ही लगा सकते हैं यद्यपि सुरक्षा व खुफिया एजेंसियाँ चाहें तो जाँच कर सकती हैं और जाँच होनी भी चाहिए,जाँच होनी ही चाहिए। भारत कोई निर्बला-अबला स्त्री नहीं कि कोई भी राहगीर-उठाईगीर-भाड़े का टट्टू छेड़कर चला जाए। नरेंद्र मोदी की सरकार को इन देशद्रोहियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाकर यह साबित कर देना चाहिए उनके सबल-सशक्त नेतृत्व में भारत एक सबल और मजबूत राष्ट्र है जिसको क्षति पहुँचाना तो दूर की रही कोई जयचंद या गोरी उसकी तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
मित्रों,हमें यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि जब गिरिराज सिंह ने कहा था कि जो लोग नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करते उनको स्वयं पाकिस्तान चले जाना चाहिए तो हमें भी नाराजगी हुई थी। लेकिन अब लगता है कि उनका कथन पूरी तरह से तो नहीं लेकिन आंशिक तौर पर सही था। सारे मोदी विरोधियों को तो नहीं सलमान खुर्शीद,मणिशंकर अय्यर जैसे लोगों को जो मोदी-विरोध और भारत-विरोध के बीच का फर्क नहीं जानते-समझते या जानना-समझना नहीं चाहते सचमुच पाकिस्तान चले जाना चाहिए। हिंदुस्तान में रहकर कोई हिंदुस्तान को ही नुकसान पहुँचानेवाली राजनीति करे और मलाई चाभे यह आज के हिंदुस्तानी कदापि सहन नहीं करनेवाले हैं। गया वो जमाना जब हिंदुस्तान में गदहे भी जलेबी खाते थे।
मित्रों,महाभारत में आपने भी पढ़ा होगा कि जब पांडव वनवास पर थे तब उनको नीचा दिखाने के इरादे से दुर्योधन सदल-बल वनभोज के लिए गया और जानबूझकर पांडवों के आवास के आसपास ही शिविर लगाया। इसी दौरान उसका किरातों के साथ झगड़ा हो जाता है और किरात उसे बंदी बना लेते हैं। जब यह सूचना एक सैनिक धर्मराज युधिष्ठिर को देता है तब धर्मराज अपने अनुजद्वय भीम और अर्जुन को आदेश देते हैं कि जाकर दुर्योधन को मुक्त करवाओ। भीम और अर्जुन जब इसका विरोध करते हैं तो धर्मराज कहते हैं कि हमारे बीच जो आपसी विवाद हो लेकिन दुर्योधन हमारे परिवार का हिस्सा है। इसलिए जब भी बाहरी लोगों से संघर्ष की स्थिति बनती है हमें दुर्योधन का साथ देना चाहिए।
मित्रों,हम नहीं समझते कि जो लोग मोदी-विरोध के नाम पर भारत-विरोध पर उतारू हैं और देश के हितों को गंभीर क्षति पहुँचाने का महापाप कर रहे हैं वे महाभारत के इस प्रसंग से सर्वथा अनभिज्ञ होंगे। इसके उलट वे लोग कुछ ज्यादा ही पढ़े-लिखे हैं और उनमें से कई तो विदेशों में पढ़े हैं।
मित्रों,जो पाकिस्तान पत्थर फेंकने के लिए प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 500 रुपये खर्च कर सकता है वो क्या लगातार आत्मघाती गोल दाग रहे इन महाविद्वान देशद्रोहियों के ऊपर लाखों रुपये खर्च नहीं कर रहा होगा? हम तो सिर्फ इसके बारे में अनुमान ही लगा सकते हैं यद्यपि सुरक्षा व खुफिया एजेंसियाँ चाहें तो जाँच कर सकती हैं और जाँच होनी भी चाहिए,जाँच होनी ही चाहिए। भारत कोई निर्बला-अबला स्त्री नहीं कि कोई भी राहगीर-उठाईगीर-भाड़े का टट्टू छेड़कर चला जाए। नरेंद्र मोदी की सरकार को इन देशद्रोहियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाकर यह साबित कर देना चाहिए उनके सबल-सशक्त नेतृत्व में भारत एक सबल और मजबूत राष्ट्र है जिसको क्षति पहुँचाना तो दूर की रही कोई जयचंद या गोरी उसकी तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
मित्रों,हमें यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि जब गिरिराज सिंह ने कहा था कि जो लोग नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करते उनको स्वयं पाकिस्तान चले जाना चाहिए तो हमें भी नाराजगी हुई थी। लेकिन अब लगता है कि उनका कथन पूरी तरह से तो नहीं लेकिन आंशिक तौर पर सही था। सारे मोदी विरोधियों को तो नहीं सलमान खुर्शीद,मणिशंकर अय्यर जैसे लोगों को जो मोदी-विरोध और भारत-विरोध के बीच का फर्क नहीं जानते-समझते या जानना-समझना नहीं चाहते सचमुच पाकिस्तान चले जाना चाहिए। हिंदुस्तान में रहकर कोई हिंदुस्तान को ही नुकसान पहुँचानेवाली राजनीति करे और मलाई चाभे यह आज के हिंदुस्तानी कदापि सहन नहीं करनेवाले हैं। गया वो जमाना जब हिंदुस्तान में गदहे भी जलेबी खाते थे।
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