हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,कूटनीति की तुलना अगर हम करना चाहें तो दो कामों से कर सकते हैं। पहला नट की रस्सी और दूसरा सुनारी। दोनों को एकसाथ मिलाकर अगर हम कहें तो कूटनीति में एकसाथ संतुलन और महीनी दोनों की जरुरत होती है। साथ ही कूटनीति बर्फ की शिला के समान होती है जिसका 9/10 वाँ हिस्सा हमेशा दृष्टि से ओझल होता है और 1/10 वाँ हिस्सा आँखों के सामने। तथापि हमारे देश के कुछ लोग ऐसे हैं जो यह चाहते हैं भारत सरकार जो भी कूटनीतिक कदम उठाये उनको बताकर ही उठाए।
मित्रों,जो बातें पर्दे के पीछे करने योग्य होती हैं उनको पर्दे के पीछे करना ही उचित होता है वरना फिर मरियम शरीफ भी बस नाम की ही शरीफ रह जाती है। जबसे मीडिया में पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा आतंकी शिविरों पर कार्यवाही की खबरें आई हैं मोदी-विरोधी मानसिकता वाले लोग यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि भारत कभी ऐसा कर भी सकता है। जबकि भारत ही नहीं पाकिस्तान से भी जो संकेत सामने आ रहे हैं वे यही बता रहे हैं कि भारत की वर्तमान केंद्र सरकार ने इस परंपरागत मिथक को एक झटके में तोड़ डाला है कि भारतीय सेना कभी सीमापार जाकर कार्यवाही कर ही नहीं सकती। ऐसी खबरों की सच्चाई जानने के लिए सिर्फ संकेतों का ही सहारा होता है क्योंकि अलग-अलग कारणों से इस समय न तो भारत सरकार और न ही पाकिस्तान सरकार चाहती है कि सच सामने आए।
मित्रों,पहला संकेत तो यह है कि क्विंट नामक वेबसाईट जिस पर यह खबर सबसे पहले आई थी के मालिक राघव बहल कोई छोटे-मोटे व्यक्ति नहीं हैं। नेटवर्क 18 और टीवी 18 को जब तक रिलायंस ने खरीद नहीं लिया था तब तक वे ही इसके मालिक थे इसलिए उनके हवाले से आई कोई खबर अफवाह हो ही नहीं सकती है। बाद में हल्ला होने बाद जब वेबसाईट के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार संजय पुगलिया जी से ट्विट करके पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी वेबसाईट अभी भी अपनी बात कायम है।
.@sanjaypugalia sir can u reconfirm this news @TheQuint @QuintHindi
— Varun (@sweetspottrader) September 21, 2016
Our veteran investigative reporter @NandyGram has got this big scoop. More info is awaited. https://t.co/9dle3taGO7
— Sanjay Pugalia (@sanjaypugalia) September 21, 2016
इतना ही नहीं भारत के रिटायर्ड एयर मार्शल और आर्म्ड फोर्सेस ट्राईब्युनल के सदस्य अनिल चोपड़ा (Aviator anil chopra) और रक्षा संवाददाता सुमन शर्मा ने भी ट्विट द्वारा खबर की पुष्टि की है।
Quint story is correct https://t.co/Z7z5bAvWTh
— Sumann Sharrma (@SumannSharrma) September 21, 2016
मित्रों,इंडिया टीवी,दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर भी कोई छोटे-मोटे मीडिया-ग्रुप नहीं है कि अपने सूत्रों से सत्यता प्रमाणित किए बिना किसी खबर को प्रकाशित-प्रसारित कर दें। फिर पाकिस्तान द्वारा व्यावसायिक उड़ानों पर रोक लगाना भी संकेत करता है कि पाकिस्तान ने ऐसा इसलिए किया जिससे पाकिस्तानी वायुक्षेत्र में घुस आए विमान या हेलीकॉप्टर को आसानी से पहचाना जा सके। कल रात इस्लामाबाद के आसमान पर एफ-16 विमानों की उड़ान और नगरवासियों में मची भगदड़ भी बताती है कि पाकिस्तान के साथ कुछ तो ऐसा किया गया है जिससे वे काफी ज्यादा भयभीत है। कदाचित इसी भय का परिणाम है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री न्यूयार्क में बार-बार अमेरिका और चीन के नेताओं से बात कर रहे हैं और निवेशक पाकिस्तान से धड़ाधड़ पैसा बाहर निकाल रहे हैं जिससे पाकिस्तानी शेयर बाजार जमीन सूंघ रहा है। भारत के रक्षा मंत्री द्वारा कहना कि दुश्मन को घुटनों पर लाना जरूरी है और प्रधानमंत्री का लगातार दूसरे दिन वार रूम में समय बिताना भी इशारों-इशारों में कहता है कि इशारों को तो समझो मगर राज को राज ही रहने दो। वैसे आपको याद है कि मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में कभी वार रूम में गए भी थे?
मित्रों,जो बातें पर्दे के पीछे करने योग्य होती हैं उनको पर्दे के पीछे करना ही उचित होता है वरना फिर मरियम शरीफ भी बस नाम की ही शरीफ रह जाती है। जबसे मीडिया में पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा आतंकी शिविरों पर कार्यवाही की खबरें आई हैं मोदी-विरोधी मानसिकता वाले लोग यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि भारत कभी ऐसा कर भी सकता है। जबकि भारत ही नहीं पाकिस्तान से भी जो संकेत सामने आ रहे हैं वे यही बता रहे हैं कि भारत की वर्तमान केंद्र सरकार ने इस परंपरागत मिथक को एक झटके में तोड़ डाला है कि भारतीय सेना कभी सीमापार जाकर कार्यवाही कर ही नहीं सकती। ऐसी खबरों की सच्चाई जानने के लिए सिर्फ संकेतों का ही सहारा होता है क्योंकि अलग-अलग कारणों से इस समय न तो भारत सरकार और न ही पाकिस्तान सरकार चाहती है कि सच सामने आए।
मित्रों,पहला संकेत तो यह है कि क्विंट नामक वेबसाईट जिस पर यह खबर सबसे पहले आई थी के मालिक राघव बहल कोई छोटे-मोटे व्यक्ति नहीं हैं। नेटवर्क 18 और टीवी 18 को जब तक रिलायंस ने खरीद नहीं लिया था तब तक वे ही इसके मालिक थे इसलिए उनके हवाले से आई कोई खबर अफवाह हो ही नहीं सकती है। बाद में हल्ला होने बाद जब वेबसाईट के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार संजय पुगलिया जी से ट्विट करके पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी वेबसाईट अभी भी अपनी बात कायम है।
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— Varun (@sweetspottrader) September 21, 2016
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— Sanjay Pugalia (@sanjaypugalia) September 21, 2016
इतना ही नहीं भारत के रिटायर्ड एयर मार्शल और आर्म्ड फोर्सेस ट्राईब्युनल के सदस्य अनिल चोपड़ा (Aviator anil chopra) और रक्षा संवाददाता सुमन शर्मा ने भी ट्विट द्वारा खबर की पुष्टि की है।
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मित्रों,इंडिया टीवी,दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर भी कोई छोटे-मोटे मीडिया-ग्रुप नहीं है कि अपने सूत्रों से सत्यता प्रमाणित किए बिना किसी खबर को प्रकाशित-प्रसारित कर दें। फिर पाकिस्तान द्वारा व्यावसायिक उड़ानों पर रोक लगाना भी संकेत करता है कि पाकिस्तान ने ऐसा इसलिए किया जिससे पाकिस्तानी वायुक्षेत्र में घुस आए विमान या हेलीकॉप्टर को आसानी से पहचाना जा सके। कल रात इस्लामाबाद के आसमान पर एफ-16 विमानों की उड़ान और नगरवासियों में मची भगदड़ भी बताती है कि पाकिस्तान के साथ कुछ तो ऐसा किया गया है जिससे वे काफी ज्यादा भयभीत है। कदाचित इसी भय का परिणाम है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री न्यूयार्क में बार-बार अमेरिका और चीन के नेताओं से बात कर रहे हैं और निवेशक पाकिस्तान से धड़ाधड़ पैसा बाहर निकाल रहे हैं जिससे पाकिस्तानी शेयर बाजार जमीन सूंघ रहा है। भारत के रक्षा मंत्री द्वारा कहना कि दुश्मन को घुटनों पर लाना जरूरी है और प्रधानमंत्री का लगातार दूसरे दिन वार रूम में समय बिताना भी इशारों-इशारों में कहता है कि इशारों को तो समझो मगर राज को राज ही रहने दो। वैसे आपको याद है कि मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में कभी वार रूम में गए भी थे?
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