मित्रों, इन दिनों देश के हालात कैसे है और मोदी सरकार जिस तरह काम कर रही है किसी से छिपी नहीं है। वास्तविकता तो यह है कि केंद्र में सरकार नाम की चीज ही नहीं है। अधिकतर मंत्री या तो अयोग्य है या फिर योग्यतानुसार उनको मंत्रालय ही नही दिया गया है।
मित्रों, वास्तविकता तो यह भी है केंद्र सरकार मोदी नहीं चला रहे पूर्व (शेयर) दलाल अमित शाह चला रहे हैं। अब तो हालात ऐसे हैं कि मोदी के आगमन पर शाह कई बार खडे भी नही होते। समझ मेंं नहीं आता कि शाह से मोदी इतना डर क्यों रहे हैं या उन पर इतना निर्भर क्यों हैं या इतना भाव क्यों दे रहे हैं? यहाँ तक कि पहली बार राज्य सभा में आए शाह की सीट तमाम प्रोटोकॉलों को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री की बगल मेंं निर्धारित कर दी गई है।
मित्रों, अरूण जेटली को आप भी जानते होंगे। कोई जीतकर भी मंत्री नहीं बना और उनको चुनाव हारने के बावजूद वित्त मंत्री बना दिया गया जबकि इस आदमी को अर्थव्यवस्था की एबीसीडी भी नहीं आती। इस बीमार आदमी को अर्थव्यवस्था को बीमार बना देने के बाद भी न जाने क्यों वित्त मंत्री बनाए रखा गया है? यह आदमी इन दिनों रिजर्व बैंक से उलझा हुआ है। सूत्रों की माने तो यह आदमी पहले से खस्ताहाल हो चुके बैंकोंं पर भाजपा के मित्र अरबपतियों को लोन देने का दबाव डाल रहे हैं चाहे खजाना खाली ही क्यों न हो जाए।
मित्रों, क्या आपको याद है कि मोदीजी ने कौन-कौन से वादे किए थे? दुर्भाग्यवश उनके सारे वादे जुमले साबित हो चुके हैं।
जनता ने एक सच्चे देशभक्त को वोट दिया था पर वो तो पिछडी और गंदी सोंचवाला मूर्तिवादी-जातिवादी नेता निकला। जनता के बीच रहते हुए हमने महसूस किया है कि निराश और स्तब्ध जनता ने उनको सबक सिखाने का मन बना लिया है। ऐसे में अगर 2019 के चुनावों में भाजपा ने पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बदला तो हिंदुत्ववादी शासन का फिर से देश से अंत हो जाएगा और भविष्य में पता नहीं फिर कब ऐसा अवसर आए और इस बीच हिंदुओं के साथ कैसे-2 अन्याय किए जाएं।
मित्रों, इसलिए बेहतर होगा कि भाजपा उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2019 के चुनावों में अपना पीएम उम्मीदवार बनाए। मेरी नजर में तो तमाम खामियों के बावजूद वे सबसे बेहतर विकल्प हैं। वैसे अगर आपकी नजर में भाजपा के भीतर कोई और बेहतर विकल्प है तो बताईए। मगर जहाँ तक मैं हवा के रूख और जनता के मन और मिजाज को समझ रहा हूँ मोदी को अगले चुनावों में पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि मोदी देश और पार्टी दोनों के लिए हानिकारक हैं।
मित्रों, अरूण जेटली को आप भी जानते होंगे। कोई जीतकर भी मंत्री नहीं बना और उनको चुनाव हारने के बावजूद वित्त मंत्री बना दिया गया जबकि इस आदमी को अर्थव्यवस्था की एबीसीडी भी नहीं आती। इस बीमार आदमी को अर्थव्यवस्था को बीमार बना देने के बाद भी न जाने क्यों वित्त मंत्री बनाए रखा गया है? यह आदमी इन दिनों रिजर्व बैंक से उलझा हुआ है। सूत्रों की माने तो यह आदमी पहले से खस्ताहाल हो चुके बैंकोंं पर भाजपा के मित्र अरबपतियों को लोन देने का दबाव डाल रहे हैं चाहे खजाना खाली ही क्यों न हो जाए।
मित्रों, क्या आपको याद है कि मोदीजी ने कौन-कौन से वादे किए थे? दुर्भाग्यवश उनके सारे वादे जुमले साबित हो चुके हैं।
जनता ने एक सच्चे देशभक्त को वोट दिया था पर वो तो पिछडी और गंदी सोंचवाला मूर्तिवादी-जातिवादी नेता निकला। जनता के बीच रहते हुए हमने महसूस किया है कि निराश और स्तब्ध जनता ने उनको सबक सिखाने का मन बना लिया है। ऐसे में अगर 2019 के चुनावों में भाजपा ने पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बदला तो हिंदुत्ववादी शासन का फिर से देश से अंत हो जाएगा और भविष्य में पता नहीं फिर कब ऐसा अवसर आए और इस बीच हिंदुओं के साथ कैसे-2 अन्याय किए जाएं।
मित्रों, इसलिए बेहतर होगा कि भाजपा उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2019 के चुनावों में अपना पीएम उम्मीदवार बनाए। मेरी नजर में तो तमाम खामियों के बावजूद वे सबसे बेहतर विकल्प हैं। वैसे अगर आपकी नजर में भाजपा के भीतर कोई और बेहतर विकल्प है तो बताईए। मगर जहाँ तक मैं हवा के रूख और जनता के मन और मिजाज को समझ रहा हूँ मोदी को अगले चुनावों में पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि मोदी देश और पार्टी दोनों के लिए हानिकारक हैं।
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