शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

गलती से निर्मला सीतारामण

मित्रों, सियासत भी अजीब चीज है. यहाँ हंस आजीवन दाना चुगते रह जाते हैं और कौवे मोती खाते हैं. देश में एक-से-एक अर्थशास्त्र के उद्भट विद्वान भरे पड़े हैं लेकिन मोदी जी ने वित्त मंत्री बना रखा है एक ऐसी महिला को जिसे अर्थशास्त्र की ए, बी, सी, डी तक पता नहीं है. इसी तरह जब सुरेश प्रभु को रेल मंत्री बनाया गया था और उनके कामकाज की पूरी दुनिया में सराहना हो रही थी तब उनको एक वृद्ध समाजवादी ने कहा था कि सुरेश बहुत जल्द तुमको हटा दिया जाएगा क्योंकि मोदी को योग्य व्यक्ति चाहिए ही नहीं और बाद में हुआ भी वही. खैर सुरेश जी के साथ जो हुआ सो हुआ लेकिन निर्मला सीतारामन जो कर रही हैं वो तो अद्भुत है. मित्रों, दरअसल परसों रात में वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती करने का निर्णय लिया था जो कल १ अप्रैल यानि मूर्ख दिवस को लागू होनेवाला था. लेकिन कल सुबह होते ही भारत की महानतम वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मंत्रालय द्वारा लिए गए इस आदेश को गलती से जारी हो गया बता कर वापस ले लिया. जिससे काफी समय तक समाचार माध्यमों के समक्ष असमंजस की स्थिति बनी रही. कल मूर्ख दिवस होने के चलते भी लोग सरकार के यू टर्न को लेकर भ्रमित रहे. लोगों को लगता रहा कि सरकार ने कहीं जान-बूझकर उनको मूर्ख तो नहीं बनाया है. वैसे यह सरकार तो झूठ बोलकर देश की जनता को रोजाना मूर्ख बनाती है लेकिन कल दिवस विशेष था. मित्रों, मैं काफी दिनों से कहता आ रहा हूँ कि निर्मला जी वित्त मंत्री के पद के लायक नहीं हैं लेकिन मोदी ठहरे बहरे और मनमौजी. जो सिर्फ अपने मन की करते हैं और सुनते हैं. परन्तु अब तो निर्मला जी हद की भी हद कर चुकी हैं. भारत का वित्त मंत्री आदेश जारी कर रातों-रात उसे वापस ले ले कम-से-कम मैंने तो न कभी ऐसा देखा और न कभी सुना. जैसे कोई नीम हकीम अंदाजे पर तुक्केबाजी करते हुए मरीज का ईलाज करता है ठीक उसी तरह से हमारी नीमहकीम वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था का सञ्चालन कर रही हैं. मित्रों, आपको याद होगा एक समय निर्मला जी देश की रक्षा मंत्री थी. हमें उनका उपकार मानना चाहिए कि उन्होंने गलती से कभी किसी पडोसी पर परमाणु बम नहीं गिरवा दिया या सेना को किसी महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र से वापस नहीं बुलवा लिया. अगर उन्होंने तब भी गलती से ऐसा आदेश दे दिया होता तो न जाने उसका परिणाम क्या होता. तथापि उनका वित्त मंत्री होना भी देश के लिए कम हानिकारक नहीं है. ऐसे समय में जब देश की अर्थव्यवस्था संकट में है गलती से ड्राइविंग सीट पर एक गलत शख्स बैठी हुई है. हालाँकि सच तो यह भी है कि जबसे मोदी जी की सरकार सत्ता में आई है तभी से अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुँचाने की दिशा में कठिन परिश्रम किया जा रहा है. अंत में मैं निर्मला जी से कहना चाहूँगा कि सिर्फ आप ही नहीं बल्कि आपकी पूरी सरकार हमारी गलती से बनी है और गलती से देश का सञ्चालन कर रही है.

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