12 नवंबर,2014,हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,बात उस समय की है जब
फ्रांस का शासक नेपोलियन महान फ्रांस के सैनिक स्कूल में पढ़ता था। उसके
साथ फ्रांस के बड़े-बड़े कुलीन सामंतों के लड़के पढ़ते थे। चूँकि नेपोलियन
कुलीन नहीं था इसलिए वे उससे जलते थे। एक दिन उन्होंने नेपोलियन को नीचा
दिखाने के लिए उससे पूछा कि तुम किस वंश के हो। नेपोलियन ने पूरी दृढ़ता के
साथ उत्तर दिया कि मेरा वंश मुझसे शुरू होता है।
मित्रों,इन दिनों भारत की ऐतिहासिक राजनैतिक पार्टी कांग्रेस का भी वही हाल है जो फ्रांसीसी क्रांति के समय कुलीनों की या उनके बच्चों की थी। कांग्रेस ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर पार्टी द्वारा आयोजित होनेवाले समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित नहीं करने की धृष्टता की है और उल्टे वो भाजपा पर अपने नेताओं को छीनने के आरोप लगा रही है। उसका यह भी कहना है कि कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास रहा है जबकि भाजपा या मोदी को ऐसा सौभाग्य प्राप्त नहीं है।
मित्रों,कांग्रेस अभूतपूर्व पतन के बावजूद निश्चित रूप से यह नहीं समझ पा रही है भले ही कांग्रेस के पास अतीत में एक-से-एक तेजस्वी और तपःपूत नेता थे लेकिन आज उसके पास ऐसा एक भी नेता नहीं है जो योजना बनाने,वक्तृता,प्रशासनिक योगयता और त्याग में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पासंग में भी ठहरता हो। जनता को इतिहास नहीं वर्तमान चाहिए। आज नेहरू,आजाद,प्रसाद,पटेल,गांधी या इंदिरा नहीं आनेवाले हैं देश और कांग्रेस को चलाने बल्कि देश को वही लोग चलायेंगे जो इस समय जीवित हैं और जो कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व है वह परवर्ती मुगलों की तरह पूरी तरह से अक्षम है।
मित्रों,हमारे गांव में एक जमींदार था जिसके दरवाजे पर कभी कई-कई हाथी झूमते रहते थे। आज उसके वंशज भिखारी हो चुके हैं मगर उनके पास आज भी वह लोहे का सिक्कड़ है जिससे कि हाथियों को अतीत में बांधा जाता था। क्या आज कांग्रेस की हालत भी ऐसी ही नहीं हो गई है? कांग्रेस के दरवाजे से जनसमर्थन बटोरने वाले नेता (हाथी) तो गायब हो चुके हैं लेकिन सोनिया और राहुल आज भी उनका सिक्कड़ लेकर घूम रहे हैं मगर भारत की जनता है कि अपनी नाक पर मक्खी तक को नहीं बैठने दे रही है क्योंकि जनता को ऐसा हाथी चाहिए जो भारत को फिर से विश्वगुरू बनाए न कि कोरा सिक्कड़।
मित्रों,इसलिए कांग्रेस को अपने अतीत पर इतराने के बदले मोदी सरकार के सकारात्मक कार्यों का समर्थन और नकारात्मक कार्यों (अगर वो करे) का विरोध करना चाहिए। अगर कांग्रेस नरेंद्र मोदी को आज भी एक चायवाला समझ रही है तो निश्चित रूप से उसको और भी बुरे दिन देखने हैं क्योंकि आज नरेंद्र मोदी न सिर्फ भारत के बल्कि विश्व के सबके लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं और उनकी अकुलीनता को लेकर किसी भी तरह के अपमानजनक व्यवहार को भारत की जनता किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं करेगी और करारी प्रतिक्रिया देगी। मोदी को किसी गांधी-नेहरू के वंश से खुद को जोड़ने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि मोदी का वंश नेपोलियन की तरह मोदी से ही शुरू होता है और निश्चित रूप से इस कारण से मोदी पर ही समाप्त नहीं होगा क्योंकि उनका कोई परिवार नहीं है बल्कि देश के करोड़ों राष्ट्रवादी नरेंद्र मोदी के भाई-बंधु हैं।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
मित्रों,इन दिनों भारत की ऐतिहासिक राजनैतिक पार्टी कांग्रेस का भी वही हाल है जो फ्रांसीसी क्रांति के समय कुलीनों की या उनके बच्चों की थी। कांग्रेस ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर पार्टी द्वारा आयोजित होनेवाले समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित नहीं करने की धृष्टता की है और उल्टे वो भाजपा पर अपने नेताओं को छीनने के आरोप लगा रही है। उसका यह भी कहना है कि कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास रहा है जबकि भाजपा या मोदी को ऐसा सौभाग्य प्राप्त नहीं है।
मित्रों,कांग्रेस अभूतपूर्व पतन के बावजूद निश्चित रूप से यह नहीं समझ पा रही है भले ही कांग्रेस के पास अतीत में एक-से-एक तेजस्वी और तपःपूत नेता थे लेकिन आज उसके पास ऐसा एक भी नेता नहीं है जो योजना बनाने,वक्तृता,प्रशासनिक योगयता और त्याग में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पासंग में भी ठहरता हो। जनता को इतिहास नहीं वर्तमान चाहिए। आज नेहरू,आजाद,प्रसाद,पटेल,गांधी या इंदिरा नहीं आनेवाले हैं देश और कांग्रेस को चलाने बल्कि देश को वही लोग चलायेंगे जो इस समय जीवित हैं और जो कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व है वह परवर्ती मुगलों की तरह पूरी तरह से अक्षम है।
मित्रों,हमारे गांव में एक जमींदार था जिसके दरवाजे पर कभी कई-कई हाथी झूमते रहते थे। आज उसके वंशज भिखारी हो चुके हैं मगर उनके पास आज भी वह लोहे का सिक्कड़ है जिससे कि हाथियों को अतीत में बांधा जाता था। क्या आज कांग्रेस की हालत भी ऐसी ही नहीं हो गई है? कांग्रेस के दरवाजे से जनसमर्थन बटोरने वाले नेता (हाथी) तो गायब हो चुके हैं लेकिन सोनिया और राहुल आज भी उनका सिक्कड़ लेकर घूम रहे हैं मगर भारत की जनता है कि अपनी नाक पर मक्खी तक को नहीं बैठने दे रही है क्योंकि जनता को ऐसा हाथी चाहिए जो भारत को फिर से विश्वगुरू बनाए न कि कोरा सिक्कड़।
मित्रों,इसलिए कांग्रेस को अपने अतीत पर इतराने के बदले मोदी सरकार के सकारात्मक कार्यों का समर्थन और नकारात्मक कार्यों (अगर वो करे) का विरोध करना चाहिए। अगर कांग्रेस नरेंद्र मोदी को आज भी एक चायवाला समझ रही है तो निश्चित रूप से उसको और भी बुरे दिन देखने हैं क्योंकि आज नरेंद्र मोदी न सिर्फ भारत के बल्कि विश्व के सबके लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं और उनकी अकुलीनता को लेकर किसी भी तरह के अपमानजनक व्यवहार को भारत की जनता किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं करेगी और करारी प्रतिक्रिया देगी। मोदी को किसी गांधी-नेहरू के वंश से खुद को जोड़ने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि मोदी का वंश नेपोलियन की तरह मोदी से ही शुरू होता है और निश्चित रूप से इस कारण से मोदी पर ही समाप्त नहीं होगा क्योंकि उनका कोई परिवार नहीं है बल्कि देश के करोड़ों राष्ट्रवादी नरेंद्र मोदी के भाई-बंधु हैं।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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