रविवार, 13 अगस्त 2017

यूपी को संभालिए मोदी जी!

मित्रों, मेरी एक बहुत ही प्यारी आदत है. इसे मैं बुरी कहूं या अच्छी कह नहीं सकता. मैं जब भी नींद में होता हूँ सपने देखने लगता हूँ. न जाने कितनी बार मेरे सपनों में मैं भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में देख चुका हूँ. न जाने कितनी बार भारत को विश्वगुरु बना देख चुका हूँ. मैंने अपने सपनों में देखा है कि मेरे भारत में कोई गरीब नहीं है. सबके पास पर्याप्त रोटी, कपडा और मकान है. हमारे सरकारी अस्पतालों में ईलाज की बेहतरीन सुविधा है. हमारे शिक्षा-संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में दुनिया में अद्वितीय है. सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार इतिहास बन चुका है. ओलंपिक में भारत ने दुनिया में पहला स्थान प्राप्त किया है. इत्यादि.  लेकिन जितने सपने मैं सोती आँखों से देखता हूँ उससे कहीं ज्यादा जागते हुए कल्पना करता रहता हूँ.
मित्रों, जब भी मेरे सपनों के पूरा होने की जरा-सी भी उम्मीद जगती है मेरी खुशियों का ठिकाना नहीं रहता लेकिन जब सपने टूटने और बिखरने लगते हैं तो मैं जैसे पीड़ा के अंतहीन महासागर में गोते खाने लगता हूँ.
मित्रों, बिहार में २०१५ में जब एनडीए हारा था तो मेरे सपने भी हारे थे.  मेरी भींगी-२ सी पलकों में रह गए जैसे मेरे सपने बिखर के. तभी से मैं इन्तजार करने लगा था यूपी के चुनाव-परिणामों का. यूपी में जब भाजपा जीती तो मुझे लगा कि नरेन्द्र मोदी जिनकी उम्र मेरी ही तरह देश की उन्नति के सपने देखते गुजरी है अब यूपी में आदर्श-शासन स्थापित कर भारत के बांकी राज्यों को बताएंगे कि देखो राम-राज्य कोरी कल्पना नहीं है-दैहिक दैविक भौतिक तापा,राम राज काहू नहीं व्यापा. उन्होंने इसके लिए जिस व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुना वो कड़वा सच बोलने और कड़कपन के लिए ही जाना जाता था. शुरू में लगा कि अब यह व्यक्ति यूपी को बदल कर रख देगा. लेकिन अब धारणाएँ बदलने लगी हैं. सपने टूटे तो नहीं हैं लेकिन दरकने लगे हैं.
मित्रों, क्या जून तक यूपी की सड़कें गड्ढाविहीन हो गई? क्या यूपी पुलिस का रवैया थोडा-सा भी बदला? क्या थाना सहित दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार में किंचित भी कमी आई? क्या शिक्षण-संस्थानों में पढाई के माहौल में कोई बदलाव आया? क्या इस साल जापानी बुखार से गोरखपुर अस्पताल में कम बच्चे मर रहे हैं? अगर नहीं तो फिर यूपी में क्या बदला?
मित्रों, दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि योगीजी को कदाचित अभी तक यह पता ही नहीं है कि करना क्या है और कैसे करना है? कौन-कौन से अधिकारी उनकी टीम में होंगे और किस तरह योजनाओं पर अमल होगा.
मित्रों, हम नहीं चाहते कि भविष्य में यूपी में भाजपा का शासन अपनी असफलताओं के लिए जाना जाए. क्योंकि यूपी भाजपा के लिए एक चुनौती तो है लेकिन अवसर भी है. उसके पास इतना प्रचंड बहुमत है कि वो यहाँ खुलकर प्रयोग कर सकती है. इसलिए मैं मोदीजी से कहता हूँ कि यूपी को संभालिए मोदीजी! सपनों को सिर्फ देखने और दिखाने से काम नहीं चलेगा उनको पूरा भी करना होगा देवता.

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