मित्रों, आपने कभी किसी का पीछा किया है? हमने तो नहीं किया. लड़की और बस के पीछु तो आपुन कभी भागा इच नहीं. हाँ कभी किसी को गलतफेमिली हो सकती है कि हम उसके पीछु पड़े हुए हैं. होता यह है कि कई बार हाजीपुर में हम सुभाष चौक पर बाईक से होते हैं और कोई लड़की स्कूटी से हमारे आगे होती है. फिर हम सिनेमा रोड में होते है तो वो भी वही होती हैं. फिर हम किसी काम से यादव चौक पर होते है और वो भी वहीँ पर होती है. मगर ऐसा हम जानबूझकर नहीं करते या वहां-वहां जानबूझकर नहीं होते बल्कि संयोगवश होते हैं.
मित्रों, ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है. अमीन सयानी जी ने एक बार एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया सुनाया था रेडियो पर. लता दीदी ने उस समय फिल्मों में नया-नया गाना शुरू किया था. वो रोज घर से निकलतीं. तांगा पकडतीं. फिर स्टेशन से लोकल ट्रेन पकडतीं. फिर ट्रेन से उतर कर तांगा पकडतीं और उतरने के बाद पैदल चलकर बॉम्बे टॉकीज जातीं. एक दिन ऐसा हुआ कि एक घुघराले बालों वाला लड़का उनके घर के पास से उसी तांगे में बैठा जिसमें लता दी बैठीं. फिर वही ट्रेन और फिर से वही तांगा. यहाँ तक कि पैदल वो उनके पीछे-पीछे बॉम्बे टॉकीज भी आने लगा. लता दी डर गई और लगभग दौड़ते हुए बॉम्बे तौकिज के मालिक हिमांशु रॉय और अभिनेता अशोक कुमार के पास पहुँच गई. फिर उनको बताया कि वो लड़का जो अभी गेट में घुस रहा है उनका पीछा कर रहा है. लड़के पर नजर जाते ही सभी हंस पड़े. दादामुनि ने कहा कि ये उनका छोटा भाई किशोर है जो कल ही मुंबई आया है. संयोग से ये भी आज वहीँ से बॉम्बे टॉकीज आ रहा है जहाँ से तुम आ रही हो. कहना न होगा बाद में लता और किशोर पक्के भाई-बहन बन गए.
मित्रों, अब अगर लता दी घटना का राजनीतिकरण करती और हमारी मीडिया जो कुछ दिनों से टीआरपी के लिए महिलाओं की चोटी कटवाती फिर रही होती मामले को लपक लेती कि सुपर स्टार दादामुनि के भाई ने एक गरीब लड़की का पीछा किया और उसका जीना मुहाल कर दिया. किशोर कुमार की गलती बस इतनी होती कि वे उस रास्ते से आते और अशोक कुमार के भाई होते. बांकी तो उनको भी पता नहीं होता कि वे किसी का पीछा कर रहे हैं.
मित्रों, खैर चंडीगढ़ पीछा करो कांड में एक अच्छी बात यह हुई है कि घटना का वीडियो फुटेज मिल गया है जिससे बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. पता चल जाएगा कि भाजपा नेता का बेटा सड़क पर चुपचाप जा रहा था या छेड़खानी भी कर रहा था. तब तक आप लोगों को राम राम इस चेतावनी के साथ कि सड़क पर सचेत रहें सावधान रहें कि कोई लड़की आपके आगे-आगे तो नहीं चल रही है. अगर आप भाजपा नेता के बेटे हैं तो बेहतर होगा कि आप सड़क पर निकले ही नहीं.
मित्रों, ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है. अमीन सयानी जी ने एक बार एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया सुनाया था रेडियो पर. लता दीदी ने उस समय फिल्मों में नया-नया गाना शुरू किया था. वो रोज घर से निकलतीं. तांगा पकडतीं. फिर स्टेशन से लोकल ट्रेन पकडतीं. फिर ट्रेन से उतर कर तांगा पकडतीं और उतरने के बाद पैदल चलकर बॉम्बे टॉकीज जातीं. एक दिन ऐसा हुआ कि एक घुघराले बालों वाला लड़का उनके घर के पास से उसी तांगे में बैठा जिसमें लता दी बैठीं. फिर वही ट्रेन और फिर से वही तांगा. यहाँ तक कि पैदल वो उनके पीछे-पीछे बॉम्बे टॉकीज भी आने लगा. लता दी डर गई और लगभग दौड़ते हुए बॉम्बे तौकिज के मालिक हिमांशु रॉय और अभिनेता अशोक कुमार के पास पहुँच गई. फिर उनको बताया कि वो लड़का जो अभी गेट में घुस रहा है उनका पीछा कर रहा है. लड़के पर नजर जाते ही सभी हंस पड़े. दादामुनि ने कहा कि ये उनका छोटा भाई किशोर है जो कल ही मुंबई आया है. संयोग से ये भी आज वहीँ से बॉम्बे टॉकीज आ रहा है जहाँ से तुम आ रही हो. कहना न होगा बाद में लता और किशोर पक्के भाई-बहन बन गए.
मित्रों, अब अगर लता दी घटना का राजनीतिकरण करती और हमारी मीडिया जो कुछ दिनों से टीआरपी के लिए महिलाओं की चोटी कटवाती फिर रही होती मामले को लपक लेती कि सुपर स्टार दादामुनि के भाई ने एक गरीब लड़की का पीछा किया और उसका जीना मुहाल कर दिया. किशोर कुमार की गलती बस इतनी होती कि वे उस रास्ते से आते और अशोक कुमार के भाई होते. बांकी तो उनको भी पता नहीं होता कि वे किसी का पीछा कर रहे हैं.
मित्रों, खैर चंडीगढ़ पीछा करो कांड में एक अच्छी बात यह हुई है कि घटना का वीडियो फुटेज मिल गया है जिससे बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. पता चल जाएगा कि भाजपा नेता का बेटा सड़क पर चुपचाप जा रहा था या छेड़खानी भी कर रहा था. तब तक आप लोगों को राम राम इस चेतावनी के साथ कि सड़क पर सचेत रहें सावधान रहें कि कोई लड़की आपके आगे-आगे तो नहीं चल रही है. अगर आप भाजपा नेता के बेटे हैं तो बेहतर होगा कि आप सड़क पर निकले ही नहीं.
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