मित्रों, आज और अबसे कुछ ही देर पहले भारत की संघ सरकार ने एक अत्यंत प्रशंसनीय प्रस्ताव संसद में रखा है. जिसके अनुसार अब बहुत जल्द भारतीय संविधान से धारा ३७० के एक उपखंड को छोड़कर बांकी समाप्त हो जाएगी. साथ ही उसने संविधान की धारा ३५ ए को समाप्त कर दिया है. इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव भी संसद के समक्ष रखा गया है. अबसे जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश होगा यद्यपि वहां विधानसभा बनी रहेगी. जबकि लद्दाख अब बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा. सबसे अच्छी बात प्रस्ताव में यह है कि अबसे संसद द्वारा १९५२ से लेकर आज तक पारित किए गए सारे कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो जाएंगे.
मित्रों, मोदी सरकार के इस कदम की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी क्योंकि इस धारा के कारण जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था जिसके चलते भारत की एकता और अखंडता को क्षति पहुँच रही थी. आज अमर शहीद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आत्मा को निश्चित रूप से शांति मिल गई होगी जिन्होंने एक राष्ट्र दो विधान, दो प्रधान, दो निशान का विरोध करते हुए अपनी शहादत दी थी. यहाँ मैं यह स्पष्ट कर दूं उस समय भारत के तत्कालीन विधि मंत्री डॉ. भीमराव रामजी अम्बेदकर ने संविधान में धारा ३७० को शामिल करने को देशद्रोह कहते हुए ऐसा करने से मना कर दिया था. लेकिन नेहरु ने अम्बेडकर जी की उपेक्षा करते हुए इसे लागू करवाया था. बाद में धारा ३७० नेहरु की सबसे बड़ी भूल साबित हुई और जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक आतंकवाद का उदय हुआ जिसने हिन्दुस्तान के इस हिस्से में हिन्दुओं का जीना मुश्किल कर दिया.
मित्रों, दूसरी तरफ धारा ३७० के चलते जम्मू-कश्मीर का विकास प्रभावित हो रहा था क्योंकि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर का निवासी नहीं था वहां संपत्ति नहीं खरीद सकता था. ऐसे में कोई उद्योगपति वहां उद्योगों की स्थापना नहीं कर सकता था. अब यह प्रतिबन्ध समाप्त हो गया है ऐसे में निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर का तेज़ औद्योगिक व आर्थिक विकास होगा.
मित्रों, धारा ३७० पर जम्मू-कश्मीर के उन दो परिवारों का विरोध तो फिर भी समझ में आता है जिन्होंने इसे अपनी निजी जागीर बना लिया था लेकिन कांग्रेस द्वारा विरोध कहीं से भी समझ में नहीं आता है. क्या कांग्रेस आज जिस स्थिति में है आगे उससे भी ख़राब स्थिति में जाना चाहती है?
मित्रों, कुल मिलाकर जबसे केंद्र में मोदी सरकार आई है तबसे ही उसने जम्मू-कश्मीर में बहुमुखी कदम उठाए हैं. एक तरफ तो वो वहां के शांतिप्रिय लोगों का समर्थन कर रही है वहीँ दूसरी तरफ आतंकवादियों के खिलाफ करारा प्रहार भी किया जा रहा है. कुल मिलाकर मोदी सरकार ने पंडित नेहरु द्वारा की गई कई ऐतिहासिक भूलों में से एक को दूर कर दिया है. इतना ही नहीं जिस तरह से ९ अगस्त को हम अगस्त क्रांति दिवस कहते हैं उसी प्रकार आज ५ अगस्त के दिन को भारतीय इतिहास में भारतीय संविधान भूल सुधार दिवस के रूप में याद किया जाएगा. इस समय पूरे भारत से जश्न मनाए जाने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं और मैं भी मिठाई, पटाखे और रंग लाने जा रहा हूँ क्योंकि आज एक साथ होली और दिवाली मनाने का दिन है और इसके लिए केंद्र सरकार निश्चित रूप से बधाई की पात्र है.
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