रविवार, 30 जनवरी 2022

योगी तेरी खैर नहीं ...

मित्रों, ज्यादा दिन नहीं हुए. यही कोई २०१८-१९ की बात है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव चल रहे थे तब एक नारा खूब सुर्ख़ियों में था-मोदी तुझसे वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं. हुआ भी ऐसा ही. राजस्थान की जनता ने वसुंधरा को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर एक निहायत अयोग्य हिंदूविरोधी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया. जनता समझ रही थी कि वो वसुंधरा से बदला ले रही है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही थी. जनता खुद कुल्हाड़ी पर पैर मारने जा रही थी. मित्रों, आज तीन-चार साल बाद राजस्थान की क्या स्थिति है? वसुंधरा तो महारानी थी और है लेकिन जनता का क्या हाल है? अगर हम कहें कि आज राजस्थान बलात्कारियों का प्रदेश बन गया है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. और सिर्फ इसलिए बन गया है क्योंकि कांग्रेस का हाथ बलात्कारियों के साथ है. सरकार न जाने क्यों मूक-बधिर नाबालिग लड़कियों के साथ हुए बलात्कार को भी जबरदस्ती सड़क-दुर्घटना बना दे रही है. आए दिन दलितों के साथ मार-पीट होती है. आदिवासी ललनाओं के साथ सामूहिक बलात्कार होते हैं. पुजारियों की हत्या होती है. जेहादियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि राजधानी जयपुर के शिवमंदिर की छत पर दरगाह बनाने की घिनौनी कोशिश होती है. हिन्दू डरे-सहमें हैं जैसे वो भारत में नहीं पाकिस्तान में हों. मित्रों, इतना ही नहीं किसानों की ऋण माफ़ी के बदले उनकी जमीनों की नीलामी हो रही है. वास्तव में वहां किसानों की जमीनों की नहीं बल्कि उनके सम्मान और ईज्जत की नीलामी हो रही है. छात्र बेहाल हैं. रीट तक के प्रश्न आउट हो जा रहे हैं. मित्रों, कहने का तात्पर्य यह है कि राजस्थान में वसुंधरा तो आज भी खैर से हैं अगर खैर से कोई नहीं है तो वो है राजस्थान की जनता जो बदले की भावना में इस कदर अंधी हो गई थी कि खुद अपना ही नुकसान कर बैठी. आज राजस्थान में जंगलराज है. जिसकी लाठी उसकी भैंस है. मित्रों, मैं देख रहा हूँ कि यूपी में भी कुछ हिन्दू योगी से बदला लेने की बात कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि अगर योगी हार गए तो यूपी में हिन्दुओं की हालत राजस्थान से भी ज्यादा बुरी हो जाएगी. राजस्थान में तो फिर भी तोतला मुख्यमंत्री है यूपी में तो अकल लेस मुख्यमंत्री बन जाएगा जो बिना मुख्यमंत्री बने ही पत्रकारों को कूटवा दे रहा है. इस संबंध में एक ताजा वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में हाथ में असलहा लिए सुरक्षाकर्मी पत्रकार खालिद चौधरी को धक्का देकर अखिलेश के पास आने से रोक रहे हैं। पत्रकार का आरोप है कि उसके साथ मारपीट भी की गई। वीडियो में वह मारो मत, मारो मत कहकर खुद को सुरक्षाकर्मियों से बचाने की कोशिश भी कर रहे हैं। मित्रों, अकल लेस ने जो टिकट बांटे हैं उस सूची को गौर से देखिएगा. उसमें ज्यादातर गुंडे हैं. कुछ तो हिन्दुओं के खिलाफ दंगा करने के आरोपी भी हैं. फिर यह भी फैक्ट है कि विकास शांति की छाँव में होता है. अकल लेस का पुराना रिकॉर्ड कहता है कि उसके मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में कानून और व्यवस्था चौपट हो जाएगी और गुंडों का राज कायम हो जाएगा. आज जो अपराधी जेल की शोभा बढ़ा रहे हैं तब कैबिनेट की शोभा बढाएंगे. अच्छे पुलिस अधिकारियों को खुलेआम सड़कों पर पीटा जाएगा जिसकी बानगी कुछ दिन पहले सुपर कॉप अनिरुद्ध सिंह को पीट कर समाजवादी नेता दिखा भी चुके हैं. मित्रों, इतना ही नहीं सारी वैकेंसी यादवों और मुसलमानों से भरी जाएगी. थानों पर जेहादियों का कब्ज़ा हो जाएगा. मंदिरों पर हमले होंगे. पुजारियों जिनमें ज्यादातर ब्राह्मण हैं के दिन-दहाड़े गले रेते जाएंगे. होली मनाने पर रोक लग जाएगी. मंदिरों में जबरन नमाज पढ़ी जाएगी. मंदिरों से लाउडस्पीकर उतार दिए जाएंगे. राम मंदिर का निर्माण संकट में पड़ जाएगा. मंदिरों में घंटी न बजे यह देखने के लिए पुलिसकर्मी तैनात कर दिए जाएँगे. कुकुरमुत्ते की तरह सर्वत्र दरगाह उग आएँगे. राजस्थान को पछाड़ते हुए यूपी एक बार फिर से नंबर वन बलात्कारी स्टेट बन जाएगा. आपकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होगी. रोते-रोते आपकी आँखों में आंसू सूख जाएंगे. मित्रों, कहने का तात्पर्य यह है कि इस बार अगर आप योगी जी से बदला लेने की सोंच कर मतदान करने की सोंच रहे हैं तो निश्चित रूप से आप अपने ही भविष्य का सर्वनाश करने जा रहे हैं. योगी जी का क्या वो तो फिर से मठ में वापस चले जाएंगे जहाँ कोई शत्रु उनकी छाया तक को नहीं छू सकता लेकिन आपका जीवन और आपके प्रदेश का जन-जीवन जरूर बर्बाद हो जाएगा. इसलिए राजस्थान से शिक्षा लीजिए कोई जरूरी नहीं कि ठेंस लगने पर ही बुद्धि खुले दूसरों को लगे ठेस से समय रहते सीख लेना कहीं बेहतर होता है.

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